भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस की वैक्सीन का ट्रायल कर रहे पीपुल्स मेडिकल कॉलेज की गंभीर आपराधिक लापरवाही सामने आई है। पीपल्स मेडिकल कॉलेज ने भोपाल गैस पीड़ितों पर वैक्सीन का ट्रायल कर डाला। कुल कितने बीमार लोगों पर ट्रायल किया गया, आंकड़ा नहीं है लेकिन इनमें से एक दीपक मरावी की मौत हो गई।
मजदूर दीपक मरावी भोपाल गैस पीड़ितों में से एक है। बताने की जरूरत नहीं कि यह लोग सामान्य नागरिकों की तरह स्वस्थ नहीं है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज ने गैस पीड़ित पर कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल क्यों किया। यहां पीपुल्स मेडिकल कॉलेज यह नहीं कह सकता कि दीपक मरावी खुद आगे आए थे, क्योंकि दीपक डॉक्टर नहीं है। पीपुल्स मेडिकल की जिम्मेदारी जी की गैस पीड़ितों पर ट्रायल ना किया जाए।
मजदूरी करने वाले दीपक मरावी की मृत्यु दिनांक 21 दिसंबर 2020 को हुई थी। उनके बेटे आकाश मरावी ने बताया कि पीपल्स मेडिकल कॉलेज के मैनेजमेंट ने उनके पिता की मृत्यु की पुष्टि के लिए 3 बार फोन लगाया परंतु उनकी जान बचाने के लिए कोई कोशिश नहीं की। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज का मैनेजमेंट कितना दुरुस्त है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दीपक की मृत्यु के बाद, वैक्सीन के अगले ट्रायल के लिए मेडिकल कॉलेज की तरफ से दीपक के मोबाइल पर कॉल किया गया। जबकि पीपुल्स मेडिकल का मैनेजमेंट खुद दीपक की मृत्यु की पुष्टि कर चुका था।