भोपाल। क्रिकेट टूर्नामेंट तो सारी दुनिया में होते रहते हैं, इनकी कमेंट्री हिंदी और इंग्लिश में हमेशा सुनाई देती है परंतु मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ जिस के खिलाड़ी क्रिकेट की यूनिफार्म में नहीं बल्कि धोती-कुर्ता में खेल रहे थे और कमेंट्री संस्कृत भाषा में हो रही थी।
भोपाल के अंकुर क्रिकेट ग्राउंड में पंडितों का क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ। टूर्नामेंट के लिए पंडितों ने क्रिकेट की यूनिफार्म नहीं पहनी बल्कि अपनी पारंपरिक वेशभूषा धोती-कुर्ता पहनकर मैदान में आए। यह अपने आप में रोमांचकारी था कि खिलाड़ियों के माथे पर त्रिपुंड और गले में रुद्राक्ष की माला थी। सबसे मजेदार बात यह है कि कॉमेंट्री संस्कृत भाषा में हो रही थी।
अतीव सुंदरतया कंदुक प्रक्षेपणम् फलक धारक: स्तब्धोजात:। दंडाग्रे पादे कंदुकस्पर्शाद बहिर्भूत:। कंदुकस्य रेखाया: बहिर्गमनम्। अंकुर खेल मैदान में दिन भर चली क्रिकेट की संस्कृत में कमेंट्री लोगों को अपनी ओर खींचती रही। ‘चतुर्धानावांक:’(चौका), ‘षड्धावनांक: लब्ध:(छक्का)’ जब भी गूंजा जमकर तालियां बजीं। मौका था महर्षि महेष योगी के 104वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का।
कमेंट्रेटर देवेंद्र दुबे, डॉ. रमन मिश्र, अंकुर पांडे ने कई बार उपस्थित दर्शकों की तालियां बटोरी। खिलाड़ियों का भी उत्साह देखते बना। खिलाड़ी फील्डिंग लगाने से लेकर बातचीत भी संस्कृत में कर रहे थे। मैच की अंपायरिंग अभिषेक शर्मा व मिथुन शर्मा कर रहे थे। खिलाड़ी टीका, त्रिपुंड लगाकर धोती धारण कर रखे थे।
प्लेयर ऑफ द मैच काे मिलेगी वेद पुस्तक
आयोजक पंडित कपिल शर्मा ने बताया कि स्पर्धा का आयोजन महर्षि महेश योगी के 104वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। प्रतियाेगिता में पुरस्कार स्वरूप वेद पुस्तकें प्रदान की जाती है। यहां प्लेयर ऑफ द मैच काे एक वेद पुस्तक मिलती है। जबकि मैन ऑफ द सीरीज के लिए पंचांग रखा गया है। साथ ही विजेता टीम को 5001 और उपविजेता को 2100 रुपए का पुरस्कार इनाम रखा गया है।
क्रिकेट टूर्नामेंट का टारगेट संस्कृत भाषा को लाइमलाइट में लाना
संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि देशभर में देव भाषा के नाम से जानी जाने वाली संस्कृत भाषा को प्रमोट करने और लोगों को इससे जागरूक करने के उद्देश्य से अनोखी क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे राजधानी भोपाल के तमाम कर्मकांडी ब्राह्मण धोती कुर्ता पहन कर क्रिकेट के बल्ले पर हाथ आजमाते हुए नजर आ रहे हैं। भोपाल के अलग-अलग इलाकों से अंकुर परिसर पहुंचे कर्मकांडी ब्राह्मण होने धोती कुर्ते में क्रिकेट के जौहर दिखाए... इसके साथ ही मैदान पर संस्कृत भाषा में कमेंट्री भी आकर्षण का केंद्र बनी। इसका उद्देश्य अपनी संस्कृति से नई पीढ़ी को रूबरू कराना और संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार करना है।
संस्कृत में क्रिकेट के उपकरणों को क्या कहते हैं
पटकंदुक :- क्रिकेट
काष्ठपट्ट :- बैट
कन्दुकम्- बॉल
कन्दुकक्षेपकः- बॉलर
क्षेत्ररक्षकः- फील्डर
क्रीडांगणम् :- पिच
कन्दुकसमूहः- ओवर
कराबद्धम् - कैच
चतुर्धानावांक:’(चौका),
षड्धावनांक: (छक्का)’