भोपाल। मध्यप्रदेश में विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपना काम नहीं कर पा रही है, इसलिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद की ही व्यवस्था पर सवाल उठाया और जवाब भी दिया। राजनीति के विद्यार्थियों के लिए यह एक केस स्टडी हो सकता है। जब विपक्ष काम ना करें तो सरकार को किस तरह काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बताया मध्य प्रदेश से 3000 लड़कियां गायब है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद बताया कि मध्य प्रदेश से करीब 3 हजार लड़कियां गायब है। वह काम करने के लिए मध्यप्रदेश के बाहर गईं थीं परंतु वापस नहीं लौटीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इन लड़कियों को खोजने का काम कर रहे हैं। मैंने पुलिस को टारगेट दे दिया है। जहां भी हैं बेटियों को लेकर आओ। जिन लोगों ने ऐसा काम किया है, उनको छोडूंगा नहीं। उनके मकान तोड़ दूंगा।
वीडियो में देखिए कितनी चतुराई से खुद पर सवाल उठाया और माफी भी नहीं मांगी
#WATCH | Recently, I came to know that about 3000 daughters are missing. I've asked police to bring them back. I'll not spare those involved in this. I've asked police to make a system for registration of daughters who are taken for work: Madhya Pradesh CM SS Chouhan (08.01) pic.twitter.com/rrF7Twd1fc
— ANI (@ANI) January 9, 2021
सवाल कमलनाथ को उठाना चाहिए था
मध्यप्रदेश में विपक्ष के नाम पर कमलनाथ हर कुर्सी पर विराजमान है। कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है। उनकी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह इस सवाल को उठाते। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जो आंकड़ा पेश किया है, वह सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। ज्यादातर लड़कियां शिवराज सिंह सरकार के समय लापता हुई है। बड़ा सवाल है कि मासूम लड़कियों के साथ अपराध हो रहा है और सीएम शिवराज सिंह चौहान 15 साल बाद की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। यदि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में होती तो इस मामले में अब तक भाजपा का महिला मोर्चा मुख्यमंत्री को चूड़ियां सौंप चुका होता।