भारत में पुलिस आम नागरिकों की रक्षा एवं अपराधों की रोकथाम के लिए होती है। उसके पास ऐसा कोई अधिकार सुरक्षित नहीं है जिसका उपयोग करके वह किसी निर्दोष एवं आम नागरिक को गिरफ्तार कर सके। लेकिन यदि किसी व्यक्ति ने कोई मामूली अपराध किया है और वह पुलिस कार्रवाई के दौरान अपना नाम व पता गलत बताता है, ऐसी स्थिति में उसका सही नाम व पता जानने के लिए उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस के लिए निर्धारित गाइडलाइन (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 42) में इसके संबंध में स्पष्ट उल्लेख है।
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 42 की परिभाषा:-
1. अगर किसी व्यक्ति ने कोई साधारण अपराध (असंज्ञेय) किया हैं, और वह व्यक्ति पुलिस अधिकारी को अपना सही नाम या पता नहीं बता रहा हो तब पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। पुलिस को अगर यह भी लगता है कि व्यक्ति द्वारा बताया गया नाम या पता गलत है तब भी पुलिस अधिकारी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है।
2.पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति का सही नाम, निवास का पता लगा लिया जाए तो उसके गारंटर (गवाह) व्यक्ति को बुलाकर छोड़ दिया जा सकता है।
अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति जिसे गिरफ्तार किया है वह भारत से बाहर का है तब कोई भारत के व्यक्ति की गारंटी (गवाह) पर ही छोड़ा जाएगा।
3. अगर पुलिस को ऐसे असंज्ञेय अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति का नाम, पता 24 घण्टे के भी सही प्राप्त नही हो पाता है तब ऐसे गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घण्टे से ज्यादा पुलिस अपनी अभिरक्षा में नहीं रख सकती हैं। उसको तुरंत 24 के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास ले जाया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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