दिग्विजय सिंह: राम भक्ति या राजनीति, सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए - Digvijay Singh politics

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में प्रस्तावित भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से 111111 रुपए का दान भेजा है। इस दान पर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठाने वालों में केवल भाजपाई ही नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है। हालांकि, दिग्विजय सिंह को जानने वाले बहुत अच्छी तरीके से समझ रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है। 

दिग्विजय सिंह के दान पर भाजपा के सवाल 

भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा से जुड़े हुए लोग दिग्विजय सिंह द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए दिए गए दान पर सवाल उठा रहे हैं। वह पूछ रहे हैं कि दिग्विजय सिंह को यदि मंदिर निर्माण के लिए दान देना था तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को देना चाहिए था, भारत के प्रधानमंत्री को चेक भेजने का क्या मतलब है। याद दिलाया जा रहा है कि यह वही दिग्विजय सिंह है जिन्होंने हिंदू आतंकवाद को प्रमाणित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। सवाल यह भी है कि जो कांग्रेस पार्टी भगवान श्री राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करती उसके नेता दान क्यों दे रहे हैं। कुछ इसी प्रकार के 20 सवाल और भी हैं। 

दिग्विजय सिंह के दान पर कांग्रेस के सवाल 

कांग्रेस पार्टी की विचारधारा में विश्वास करने वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि दिग्विजय सिंह ने ऐसा क्यों किया। यदि उन्हें दान देना ही था तो हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह गुप्त दान कर देते। इस प्रकार सार्वजनिक रूप से मंदिर निर्माण के लिए दान देकर वह क्या साबित करना चाहते हैं। जबकि अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम मंदिर हिंदुत्व का प्रतीक है और दिग्विजय सिंह हिंदुत्व के विरोधी। 

दिग्विजय सिंह को नजदीक से जानने वालों के जवाब 

दिग्विजय सिंह ने जो भी किया बहुत सोच समझकर किया है। 
भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण में योगदान के साथ उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के कथित चंदा घोटाले को एक बार फिर सुर्खियों में लाने की कोशिश की है। 
भारत के प्रधानमंत्री को चेक भेजने का उद्देश्य यही था कि वह विश्व हिंदू परिषद के कथित चंदा घोटाले की जांच कराएं। 
मंदिर निर्माण में योगदान देकर उन्होंने साबित किया कि वह एक धार्मिक व्यक्ति है। क्षत्रिय होने के नाते भगवान श्रीराम में आस्था रखते हैं। फिर चाहे मंदिर का निर्माण कितना भी विवादित क्यों ना हो। 
दिग्विजय सिंह ने एक चेक के माध्यम से सनातन धर्म और हिंदुत्व के बीच लाइन खींचने की कोशिश की है। 
दिग्विजय सिंह हमेशा कहते हैं कि सनातन धर्म एक महत्वपूर्ण विषय है परंतु हिंदुत्व की राजनीति हमेशा निंदा का विषय होती है। 
लेकिन अफसोस, दिग्विजय सिंह अपना चेक बना नहीं पाए। वह जो चाहते थे उन मुद्दों पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही।

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