मंडला। ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर के मार्गदर्शन में लोक शिक्षण संचालनालय के निर्धारित परीक्षा परिणाम के लक्ष्य को पूरा न कर पाने वाले प्राचार्यों, शिक्षकों पर प्रस्तावित कार्यवाही के विरोध में प्रदेशभर में ज्ञापन सौंपा गया। इसी क्रम में मंडला जिला में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिलीप मरावी, मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विवेक शुक्ला, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रभारी मदन कछवाहा एवं प्राचार्य व्याख्याता संघ के जिलाध्यक्ष सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में एकत्र सैकड़ों शिक्षकों ने अपर कलेक्टर मीना मसराम को मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर उक्त आदेश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया और आदेश निरस्त करने की मांग की।
शासन विद्यार्थियों की 100% उपस्थिति अनिवार्य कराएं, हम रिजल्ट ले आएंगे
शिक्षकों ने कहा कि कोरोना काल में कई महीने तक विद्यालयों की पढ़ाई ठप पड़ी रही। ऐसे में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्धारित परीक्षा परिणाम के लक्ष्य को प्राप्त करना बहुत से विद्यालयों में मुमकिन नहीं है। इसके बाद भी हम शिक्षक निर्धारित से बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करेंगे। शासन को भी अपनी ओर से सभी विद्यालयों में 100% बच्चों की अनिवार्य उपस्थिति के लिए प्रयास करना चाहिए। लेकिन शिक्षकों की ओर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने के बाद भी निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति नहीं होती, तो इसके लिए सिर्फ शिक्षकों को दोषी मानकर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करना एकदम अनुचित और व्यावहारिक है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन शिक्षकों के खिलाफ ऐसी किसी भी कार्रवाई का सड़क और कोर्ट दोनों जगह खुलकर विरोध करेगा।
लोक शिक्षण संचालनालय से शिक्षकों को टॉर्चर करने वाले आदेश जारी होते हैं
ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने बताया कि शिक्षकों को मानसिक और सामाजिक रूप से परेशान करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय से एक के बाद आदेश जारी किए जा रहे हैं। शिक्षक शासन द्वारा निर्धारित कोर्स के साथ ही विद्यालय में पढ़ाने की नई नई गतिविधियों, अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन, मासिक टेस्ट, प्री टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा आदि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का अक्षरशः पालन कर रहे हैं। एक ओर शासन द्वारा बेस्ट ऑफ फाइव, वर्तमान में छात्रावासों को बंद रखने, विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति स्वेच्छिक करने, बच्चों को अधिक प्राप्तांक के लिए दबाव ना डालने, शारीरिक या मानसिक रूप से दंडित नहीं करने के सख्त निर्देश हैं, वहीं दूसरी ओर कम परीक्षा परिणाम के लिए सीधे शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन विभाग के अधिकारियों से भी निवेदन करता है कि शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और समाज में अपमानित करने वाले आदेशों की बजाय, शिक्षकों के साथ बैठकर बुनियादी समस्याओं पर चर्चा कर ठोस शिक्षा गुणवत्ता नीति का निर्माण करना चाहिए।
ज्ञापन कार्यक्रम में एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर, प्राचार्य अखिलेश चंद्रोल संभागीय उपाध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस, विवेक शुक्ला जिला अध्यक्ष, शैल कुमार दुबे, टीकाराम श्रीवास, राजकुमार यादव, टी डी असाठी, सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी अध्यक्ष प्राचार्य संघ, आसित लोध, एम डी सोलंकी, अमरसिंह चंदेला, लोक सिंह पदम, संजय श्रीवास्तव, अभित गुप्ता, रवि शंकर साहू, पी आर मिश्रा, रविंद्र चौरसिया, आर एल मरकाम, नंदकिशोर कटारे, के के चौहान, सुनील नामदेव, संजू दुबे, प्राचार्य सुनीता श्रीवास्तव, कल्पना नामदेव, कल्पना नागेश्वर, लता गुरवानी, संध्या गुप्ता, रश्मि मरावी, संजूलता सिंगौर, सीमा साहू, सरोज वरकड़े, तरला पंद्रो, राधा उइके, रंजना हिवारे, बसंती पंद्रे, अंजू दुबे, अनीता परते, आरती ज्योतिषी, सुखबरिया चंदेला, नमिता मार्को, सहित सैकड़ों शिक्षकों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा।