इंदौर। कोरोनावायरस की वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों को एक और मुद्दा मिल गया है। देवास के प्रतिष्ठित डॉक्टर योगेश वालिंबे कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि शनिवार को उन्होंने कोरोनावायरस की वैक्सीन लगवाई थी। देवास के अखबारों में बताया गया है कि शनिवार रात से ही उनकी तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई थी।
शनिवार को वैक्सीन लगवाई थी, सांसद, विधायक और कलेक्टर से भी मिले थे
शनिवार को देवास जिला अस्पताल में सफाईकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड टीका लगा। लिस्ट में डॉ. योगेश वालिंबे का भी नाम था। सुबह 11 बजे उन्होंने जिला अस्पताल में करीब 15 मिनट तक लाइन में खड़े होकर तीसरे नंबर पर वैक्सीन लगवाई। यहां वह आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन में भी रहे। इससे पहले डॉ. वालिंबे देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, विधायक गायत्री राजे पंवार, कलेक्टर चंद्रमौलि शुक्ला समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले थे।
शनिवार रात से ही तबीयत खराब होना शुरू हो गई थी
देवास सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि डॉ. वालिंबे की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। हमने उनसे संपर्क में लोगों की लिस्ट मांगी है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश वालिंबे (60) इंदौर रोड अग्रोहा नगर में रहते हैं। यहीं उनका प्राइवेट क्लीनिक है। वह अपनी क्लिनिक में रेगुलर प्रैक्टिस करते हैं। परिवार वालों ने बताया कि डॉ योगेश पहले से ही बीमार थे। उनका नाम कोविड-19 वैक्सीन वाली पहली लिस्ट में शामिल किया गया था। टीका लगवाने के बाद रात से ही उनकी तबीयत खराब होना शुरू हो गई थी।
वैक्सीन पर संदेह नहीं लेकिन प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया
इस मामले में वैक्सीन पर संदेह नहीं किया जा सकता क्योंकि निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किसी भी बीमार आदमी को वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती जब तक कि उसका पूरा परीक्षण ना कर लिया जाए। डॉक्टर योगेश के केस में देवास के स्वास्थ्य विभाग ने टीका लगाने से पहले उनका मेडिकल नहीं कराया था। CMHO ने यह सुनिश्चित नहीं किया था कि डॉ योगेश का शरीर वैक्सीनेशन के लिए तैयार है या नहीं।