ग्वालियर। कंपू थाना क्षेत्र में एक मारपीट के मामले में दतिया के टीआई रत्नेश यादव ने बॉलीवुड स्टाइल में आरोपी को न केवल अपनी हिरासत में लिया बल्कि कंपू से दतिया ले गए और थाने में उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने के बाद फर्जी आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर लिया, और जेल भेज दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब जेल में बंद आरोपी के पिता ने वरिष्ठ स्तर पर शिकायतें करना शुरू किया। शिकायत एवं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कहानी कुछ इस प्रकार है:-
दतिया के थानेदार ने मोबाइल चोर के साथ क्या-क्या किया
बात 15 जनवरी की है। दतिया कोतवाली के थाना प्रभारी रत्नेशसिंह यादव को अचानक कोई निजी काम आ पड़ा और वे ग्वालियर रवाना हो गए। वे मुख्यालय छोड़ रहे थे.. इसकी खबर किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं दी। वे ग्वालियर के कंपू थानाक्षेत्र में आए थे तभी किसी बदमाश ने उनका मोबाइल लूट लिया। रत्नेश ठहरे पुलिसवाले.. उन्होंने तुरंत पीछा कर बदमाश ओम भार्गव निवासी गुढ़ा गुढ़ी को पकड़ा। मोबाइल भी बरामद कर लिया। इसकी सूचना उन्होंने कंपू थानाक्षेत्र की प्रभारी अनिता मिश्रा को दी तो उन्होंने पुलिसबल भेजा। बावजूद रत्नेश ने इस मामले की रिपोर्ट नहीं कराई, न ही बदमाश को कंपू पुलिस को सौंपा। उलटा वे इसे अपने साथ दतिया ले आए और अपने थाने में FIR दर्ज कर ली। उसमें मोबाइल लूट नहीं बल्कि आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाईं और आरोपी ओम को जेल भिजवा दिया।
टीआई रत्नेश यादव को नियमानुसार क्या करना चाहिए था
पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि दतिया के टीआई रत्नेश यादव ने नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने आरोपी को हिरासत में ले लिया था और पुलिस की टीम उनकी मदद के लिए पहुंच चुकी थी तो उन्हें आरोपी को अवैध रूप से अपने साथ दतिया नहीं ले जाना चाहिए था। बल्कि कंपू पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज कराना चाहिए था।
टीआई रत्नेश यादव ने कंपू थाने में मामला दर्ज क्यों नहीं कराया
क्योंकि टीआई रत्नेश यादव दतिया में ऑन ड्यूटी थे। यदि वह कंपू थाने में मामला दर्ज करा दी तो दतिया में एसपी होने लाइन हाजिर कर देते। एक व्यक्ति एक ही समय पर सरकारी रिकॉर्ड में दतिया में और ग्वालियर में कैसे हो सकता है। डिपार्टमेंटल एक्शन हर हालत में होना ही था। चोर को पकड़ लिया था, इसलिए उसे अपने साथ दतिया ले गए ताकि अपने तरीके से उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकें।
कंपू टीआई अनीता मिश्रा की क्या गलती थी, कौन है लाइन अटैच किया गया
कंपू पुलिस थाने के टीआई अनीता मिश्रा की गलती यह थी कि उन्होंने एक आपराधिक गतिविधि में अपने साथी टीआई की मदद की। उनके थाना क्षेत्र में एक मोबाइल चोर पकड़ा जा चुका था परंतु अनीता मिश्रा ने उसे गिरफ्तार नहीं किया बल्कि टीआई रत्नेश यादव को उसे दतिया ले जाने दिया। इसके अलावा अनीता मिश्रा ने अनुशासनहीनता की। अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस घटना के बारे में कोई सूचना नहीं दी।
लूट नहीं मारपीट हुई थी: आरोपी का दावा
इस मामले में आर्म्स एक्ट के साथ मोबाइल लूट भी हुई थी या नहीं, यह अब सवालों के घेरे में है। इसकी भी जांच होगी। आरोपी का कहना है कि मैंने कभी लूट की ही नहीं। सिर्फ टीआई के साथ बहस हुई थी और उसके बाद हाथापाई हो गई। वे वर्दी में नहीं थे, हमें क्या पता कौन है। पिता उमेश भार्गव ने बेटे के साथ हुई घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो छानबीन शुरू हो गई। मामला सही निकला तो दोनों अफसरों पर गाज गिर गई।
मामला वहीं दर्ज कराना था टीआई को : एसपी
इस मामले में दतिया एसपी अमन सिंह राठौर का कहना है बिना अनुमति दतिया के कोतवाली थाना प्रभारी रत्नेश यादव ग्वालियर गए। वहां लूट हो गई तो मामला दर्ज न कराते हुए यहां लाकर एफआईआर कर दी। इस पर तत्काल टीआई को सस्पेंड कर लाइन भेजा गया है। ग्वालियर और दतिया में मामले की जांच की जा रही है।