अक्सर आपने फील किया होगा, जब भी आप ऑफिस या काम से लौटने के बाद घर में आकर अपना स्वेटर उतारते हैं तो उसमें से एक खास किस्म की आवाज आती है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि स्वेटर पहनते समय यह आवाज नहीं आती। सवाल यही है कि, यह ध्वनि कैसे और क्यों उत्पन्न होती है। इसका कारण क्या है।
भारत की जल सेना से रिटायर अधिकारी श्री परिमल कुमार घोष एवं सुप्रसिद्ध ब्लॉगर सरिता सिन्हा बताते हैं कि इस तरह की आवाज सिंथेटिक वूल के स्वेटर में आती है लेकिन प्योर वूल के स्वेटर में नहीं आती। सिंथेटिक वूलन की खास बात यह होती है कि उसके रेशे लगातार घर्षण के कारण स्टैटिकली चार्ज हो जाते हैं। इनके अंदर बहुत कम मात्रा में लेकिन विद्युत स्टोर हो जाती है। जब आप स्वेटर को उतारते हैं तो आपकी त्वचा के साथ संपर्क में आने के कारण स्पार्क होता है। यह बिल्कुल वैसे ही होता है जैसे बिजली के तारों को मिलने पर होता है। क्योंकि विद्युत की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए आपको करंट का एहसास नहीं होता परंतु बहुत हल्की सी ध्वनि जरूर होती है। आपकी त्वचा के बाल कभी-कभी प्रभावित होते हैं।
सिंथेटिक वूलन के स्वेटर उतारते समय आवाज क्यों आती है
इसे आप एक प्राकृतिक घटना से भी समझ सकते हैं। आसमान में जब दो बादल टकराते हैं तो उनके घर्षण से एक ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे आप बादलों का गड़गड़ाना (गरजना) कहते हैं। बिल्कुल यही प्रक्रिया सिंथेटिक वूलन से बने स्वेटर को उतारते समय आपकी त्वचा के संपर्क में आने के कारण होती है। बादलों में विद्युत की मात्रा अधिक होती है इसलिए गरजने की आवाज तेज होती है और स्वेटर में यह मात्रा बहुत कम होती है इसलिए ध्वनि भी उतनी ही कम होती है। यदि आप अंधेरे में स्वेटर उतारेंगे तो आपको आवाज के साथ कुछ रोशनी भी दिखाई देगी बिल्कुल वैसी जैसे बादलों के गरजने पर बिजली चमकती हुई दिखाई देती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)