Why should we not kept pickle, murabbaa, curd ect in metal's Utensils
यह तो हम सभी ने बचपन से ही अपने घरों में देखा है कि हमारी दादी, नानी सदियों से अचार, मुरब्बा, दही आदि खट्टे पदार्थों को पीतल या तांबे के बर्तनों में नहीं रखती। बल्कि उन्हें मिट्टी या फिर एक विशेष प्रकार के चीनी मिट्टी (ceramic or porcelain) से बने बर्तनों में रखती हैं। सवाल यह है कि ये केवल एक पुरानी परंपरा है या फिर इसके पीछे भी कोई विज्ञान छुपा है। आईए पता लगाते हैं:
सबसे पहले जानिए धातु क्या है, इसकी पहचान कैसे करें
तो इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि धातु (Metal) क्या होती हैं। जिन तत्वों में अपनी चमक (lusture Or shine), ध्वनि (sonorous), आघातवर्धनीयता (Mellability), तन्यता (Ductility), सुचालकता (conductivity)
आदि गुण पाए जाते हैं, धातु कहलाती हैं उदाहरण -सोना, चांदी, पीतल, तांबा आदि।
धातुएं खराब क्यों हो जातीं हैं
धातुएं वातावरण की नमी या आर्द्रता (moisture) से क्रिया करके संक्षारित हो जाती हैं, जिसे सामान्य तौर पर संक्षारण (corrosion) कहा जाता है। जिसके कारण धातुओं को नुकसान होता है। जैसे - लोहे में जंग लगना, चाँदी का काला पढ़ना, पीतल एवं ताँबे पर हरी परत का चढ़ना।
पीतल-तांबा में खट्टे पदार्थ रखें तो क्या होगा
जबकि अचार, मुरब्बा, दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल ( Acid) होते हैं जो कि पीतल व तांबे से क्रिया करके लवण बनाते हैं। जो कि विषाक्त या जहरीले होते हैं इसलिये इन्हें पीतल व तांबे के बर्तनों में इन्हें नहीं रखना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)