भोपाल। ग्वालियर, मध्य प्रदेश के रहने वाले ठेकेदार धर्मेंद्र गर्ग को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में करीब 12 नक्सलवादियों ने चारों तरफ से घेरकर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। ठेकेदार पर कुल्हाड़ी से इतने वार किए गए कि पेट की आंते तक बाहर निकल आई थी। इसके बावजूद ठेकेदार धर्मेंद्र गर्ग संघर्ष करते रहे और जीवित थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने के बाद जब उन्हें जिला चिकित्सालय रेफर किया जा रहा था तब उन्होंने दम तोड़ दिया। हमला करने के बाद हत्यारे जंगल में फरार हो गए। सीआरपीएफ कैंप घटनास्थल से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था।
ग्वालियर के धर्मेंद्र गर्ग ने पुलिस की नौकरी छोड़ कर ठेकेदारी शुरू की थी
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी धर्मेंद्र गर्ग यहां पुजारी पारा में रहता था। करीब 7-8 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर उन्होंने ठेकेदारी करना शुरू किया था। इन दिनों चेरपाल- कोटेर के बीच पुलिया का निर्माण करा रहा था। उसी का काम देखने सोमवार को वहां पहुंचा था। बताया जा रहा है कि दोपहर करीब 2 बजे वह पेड़ के नीचे बैठे पुलिया निर्माण कार्य देख रहे थे। इसी दौरान 10 से 12 नक्सली पहुंच गए और मारपीट शुरू कर दी।
दर्जनभर नक्सलियों ने मिलकर ठेकेदार पर कुल्हाड़ी से हमला किया
इसके बाद नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से वार करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने एक के बाद एक कई वार किए। इसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले। उनके जाने के बाद मजदूर धर्मेंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शाम को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके घर ग्वालियर भेजा जा रहा है।
कुल्हाड़ी से इतने वार किए की पेट की आंते तक बाहर आ गई थी
बीजापुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अभय प्रताप ने बताया कि ठेकेदार को जिला अस्पताल रेफर करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन प्राथमिक उपचार के दौरान ही मौत हो गई। नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से ठेकेदार पर इतने वार किए कि उसकी पेट की आंते तक बाहर आ गईं।