ग्वालियर। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से बार-बार दहाड़ रहे हैं कि माफिया को मिटा दूंगा और इधर ग्वालियर में मध्य प्रदेश पुलिस शराब माफिया को अवैध सुरक्षा प्रदान करती हुई मिली। एक शराब माफिया के पास पुलिस का वायरलेस सेट मिला है। उसे पुलिस के हर एक्शन की खबर होती थी। उसकी सुरक्षा में एक सिपाही तैनात था। माफिया के प्रति वर्दी की वफादारी देखिए, जब पुलिस की एक टीम माफिया को गिरफ्तार करने गई तो सुरक्षा में तैनात सिपाही नहीं पुलिस की टीम पर हमला कर दिया।
ग्वालियर में शराब माफिया जीतू चौहान की घेराबंदी
हजीरा थाना पुलिस को रविवार रात 11 बजे सूचना मिली थी कि शराब माफिया जीतू चौहान निवासी गोला का मंदिर शराब की किसी बड़ी डील के लिए निकल रहा है। जिस पर हजीरा पुलिस ने उसे महू जमार रोड पुल पर घेरा। जब पुलिस ने उसे घेरा तो पुलिस टीम की आंखें खुली की खुली रह गईं। बाइक जीतू चला रहा था, लेकिन पीछे पुलिस का जवान लेखराज सिंह उसकी सुरक्षा में बैठा था।
पुलिस आरक्षक लेखराज सिंह माफिया की सुरक्षा के लिए थाने से लाइन अटैच हुआ था
आठ महीने पहले तक यह लेखराज हजीरा थाने में ही पदस्थ था। उसके बाद उसे लाइन अटैच कर दिया गया था। जब पुलिस ने शराब माफिया को पकड़ने का प्रयास किया, तो आरोपी से पहले पुलिस जवान ने टीम पर हमला कर दिया। पुलिस की टीम ने दोनों को पकड़ लिया और थाने ले आए। यहां आरोपी जीतू चौहान के पास पुलिस का वायरलेस सेट देखकर पुलिस अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
ग्वालियर पुलिस के 3 जवान शराब माफिया को सुरक्षा देते थे, एसपी ने लाइन अटैच किया था
पकड़े गए शराब माफिया ने पुलिस के सरंक्षण में ही अपना अवैध शराब का धंधा फलने फूलने की बात कबूली हैं। उसने तीन पुलिस जवानों के नाम लिए हैं जिनमें लेखराज, राजीव व पंकज सिंह तोमर है। उसके पास से मिला वायरलेस सेट आरक्षक पंकज तोमर का होना बता रहा है। पंकज पहले मुरार थाना में पदस्थ था। एसपी ने पिछले सप्ताह ही उसे लाइन अटैच किया है। वायरलेस सेट उसके पास होने से उसे एसपी द्वारा टीम को दिए जाने वाली हर गोपनीय सूचना मिल रही थी। इसका उपयोग वह अपने शराब कारोबार को बढ़ाने में कर रहा था। अब एसपी तीनों जवानों पर सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
जीतू चौहान के खिलाफ पांच थानों में शराब के 9 अपराध दर्ज
आरोपी जीतू चौहान के बारे में बता दें यह शहर के पांच थानों हजीरा, बहोड़ापुर, पुरानी छावनी, महाराजपुरा और गोला का मंदिर में विभिन्न 9 आबकारी एक्ट के मामलों में नामजद है। हाल ही में पुरानी छावनी के जलालपुर में इसकी अवैध शराब फैक्ट्री पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। तभी से उसकी तलाश की जा रही थी। वह साल 2012 से शराब के धंधे में है और पुलिस जवानों की मदद से इस कारोबार को बढ़ाता चला गया है।