ग्वालियर। लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अब लगभग एक पखवाड़े तक विद्युत शव दाह गृह में शवों का दाह संस्कार नहीं हो सकेगा। एलीमेंटस खराब हो जाने के कारण इसे बंद कर दिया गया है। इसके लिए ठेका दे दिया गया हैऔर ठेका कंपनी जल्द ही इसे सुधारने का काम शुरु कर देगी। इसके खराब होने से ज्यादा परेशानी इसलिए नहीं आएगी कि यहां इसके ऑप्शन के रूप में पहले ही गैस प्लांट शुरु किया जा चुका है।
कोरोना संक्रमित 400 शवों को इसी मशीन में फूंका गया
इसका असल उपयोग कोरोना काल में दिखाई दिया, क्योंकि कोरोना संक्रमित मृतक के शव से संक्रमण न फैले इस सावधानी को बरतते हुए विद्युत शवदाह गृह में इनका अंतिम संस्कार किया गया। इनमें उन व्यक्तियों की बॉडी भी शामिल थीं, जो कि कोरोना संदिग्ध थे। निगम के आकंड़े बताते हैं कि प्लांट के खराब होने से पहले तक कुल 396 कोरोना ग्रसित मृतकों का अंतिम संस्कार इसमें किया गया।
15 साल पहले लगाई गई थी विद्युत शवदाह भट्टी
लक्ष्मीगंज में विद्युत शवदाह भट्टी को डेढ़ दशक पहले स्थापित किया गया था, पहले इसकी देखरेख समाजसेवी संस्था द्वारा की जाती थी, बाद में यह व्यवस्था निगम ने संभाल ली। चूंकि इसका मेंटेनेंस ठीक से नहीं चला ऐसे में अधिकांशत: यह प्लांट बंद ही पड़ा रहा और लोग लकड़ी व कंडों के द्वारा ही अंतिम संस्कार करते रहे।
गुजरात की कंपनी ठीक करेगी
स्थानीय स्तर पर इसे दुरुस्त करने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में इसका ठेका बड़ौदा की एक कंपनी को दिया गया है, जिसके एक्सपर्ट जल्द ही यहां पहुंचकर इसकी मरम्मत का काम शुरु कर देंगे। फिलहाल भट्टी को ठीक नहीं किया जा सकता, इसके पीछे कारण यह बताया गया है कि इसमें अभी काफी तपन बाकी है और इसके ठंडी होने तक इंतजार करना होगा। गर्म भट्टी पर काम नहीं किया जा सकता। एक्सपर्ट के आने के बाद चार से पांच दिन के भीतर फिर यह प्लांट काम करना शुरु कर देगा। इसका ठेका साढ़े चार लाख रुपए में दिया गया है, यह राशि नगर निगम वहन करेगा।