ग्वालियर। कार्यकर्ताओं से संवाद करने आए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा। मीटिंग में केवल हिंसा नहीं हुई लेकिन जहरीले शब्दों से कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर मर्यादाओं के पार जाते हुए हमले किए।
ग्वालियर में गुटों में बंटे भाजपाई पदों पर कब्जा करने के लिए लड़ रहे हैं
कमल माखीजानी के जिलाध्यक्ष बनने के बाद से ही BJP में असंतोष पनप रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खेमे के माने जाने वाले पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह व पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, रामेश्वर भदौरिया की टीम ने माखीजानी की नियुक्ति का विरोध किया था। अब जब कुशवाह समर्थक उमेश सिंह भदौरिया व हरियोम झा को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है तो फिर कार्यकर्ताओ में असंतोष पनप रहा है, जो मंगलवार को प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी के सामने जाकर फूटा।
भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अमित जादौन व आशीष विद्रोही की टीम मुखर्जी भवन में सबनानी के संबोधन के दौरान रामकृष्ण मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष उमेश भदौरिया एवं भगत सिंह मंडल के अध्यक्ष हरियोम झा के विरोध करने पहुंची और नारे लगाने लगी। इसी दौरान प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश दुबे ने हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की, तो वे राजेश दुबे पर ही हावी हो गए और उनसे जमकर झूुमाझटकी हुई। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं के तेवर उस दौरान इतने खराब थी कि किसी भी नेता या कार्यकर्ताओंं ने बीच में आने की हिम्मत नहीं की।
बाद में हंगामा बढ़ते देख सबनानी ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को बैठक के बीच ही अपने पास बुलाया और खरी-खरी सुनने के बाद भरोसा दिलाया कि किसी भी कार्यकर्ता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उनके मन की जो भी पीड़ा है उसे पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखा जाए। उसके बाद उन्होंने नारेबाजी बंद की और कार्यक्रम स्थल से चले गए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, जयप्रकाश राजौरिया,बृजेंद्र सिंह जादौन, राकेश माहौर, सुघर सिंह पवैया, हरीश मेवाफरोश, पवन कुमार सेन, राजू सेंगर, बिरजू शिवहरे मौजूद रहे।
सांसद और पूर्व मंत्री के घर भी की नारेबाजी
जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के दौरान प्रदेश महामंत्री सुभाष भगत और अन्य नेताओं के बारे में भला-बुरा कहने व खुली मीटिंगों में मौजूद रहने वालों को मंडलाध्यक्ष बनाने सांसद विवेक शेजवलकर व पूर्व मंत्री माया सिंह के निवास स्थल पर भी नारेबाजी की गई। साथ ही आवेदन देकर सवाल किया गया कि पार्टी नेताओं को गाली देने को पुरस्कृत किया गया है क्या?