जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा सहित ग्वालियर के कलेक्टर एवं एसपी को राहत देते हुए कांग्रेस नेता केके मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उपरोक्त सभी के खिलाफ कोविड-19 गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी।
ग्वालियर उपचुनाव में कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर याचिका दाखिल की गई थी
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि नवंबर 2020 में विधानसभा के उपचुनाव आयोजित किए गए थे। उपचुनाव के प्रचार के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन कर जनसभाएँ आयोजित कीं। इससे कोविड-19 का संक्रमण फैल सकता था। याचिका में ग्वालियर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक पर भी कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं कराने पर एफआईआर दर्ज करने की माँग की गई थी।
उपचुनाव खत्म हो गए हैं, याचिका सारहीन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा कि विधानसभा के उपचुनाव हो चुके हैं, इसलिए याचिका सारहीन हो गई है। अब याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है।
याचिका को ग्वालियर खंडपीठ से मुख्य पीठ जबलपुर बुला लिया गया था
यह याचिका मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर की गई थी। कोविड-19 से संबंधित याचिकाओं को 16 मार्च 2020 के आदेश के जरिए मुख्यपीठ जबलपुर बुला लिया गया था। मामले में सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका खारिज कर दी है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष प्रस्तुत किया।