ग्वालियर। रिश्वतखोरी वाला ऑडियो वायरल होने के बाद ग्वालियर नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर (प्रॉपर्टी टैक्स) नागेंद्र सिंह गुर्जर को सस्पेंड कर दिया गया है। वायरल ऑडियो में दावा किया गया था कि आवाज नागेंद्र सिंह गुर्जर और स्टेनो करण वर्मा की है। इससे पहले नगर निगम ग्वालियर में सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को ईओडब्ल्यू ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। 1 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराज होकर नगर निगम ग्वालियर के कमिश्नर को हटा दिया था। कुल मिलाकर नगर निगम ग्वालियर में रिश्वत और भ्रष्टाचार इन दिनों सुर्खियों पर है।
सहायक संपत्ति कर आयुक्त नागेंद्र गुर्जर स्टेनो करण वर्मा
वायरल ऑडियो में क्या सुनाई दे रहा है
नागेंद्र - कमिश्नर साहब ने लिखा दिया था श्री मुलसगांवकर। कमिश्रर ने मुझे बंगले पर बुलाया था तुम्हे पता नहीं है मेरे और कमिश्नर के क्या संबंध हैं?
करन- सर यह एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
नागेन्द्र - करन तुम्हारी जब भी मंत्री से मुलाकात हो तो मेरे नाम नहीं लेना। सर मेरे नागेंद्र सर है मैं उनका स्टेनो हूं। और अब कल की छुट्टी है यदि कोई नोटिफिकेशन हो तो मुझे भेज देना। अब परसों चेंबर में नहीं बैठेंगे अब श्रम विभाग में बैंठेगे। अब पंजी है मजदूरी कार्ड बनते है वह पंजी अब नीचे नहीं रखेंगे ऊपर ही रखेंगे। अब मैं हर पंजी की नोटसीट चेक करूंगा और मुझे पता चलेगा कि किसके साइन से मजदूरी कार्ड बने है। और सुन अब प्रदीप श्रीवास्तव को कूटना भी है।
करन - मैंने आपको बताया था कि अब प्रदीप को कूटना है।
नागेन्द्र- कुछ नहीं इस पर नजर रखो। जैसे ही यह बाल भवन से निकलेगा तभी इसे पिटवाना है। अब इसे इतना कुटवाना है कि इसे पता भी नहीं चल सके। अनजान लोग आए थे और पीट गए। अनजान तो शहर में 11 लाख लोग है। इसके दांत भी टूडना है। इसको तरीको से कूटवाओ।
करन - यह लड़कियों भी परेशान करता है। तभी नागेंद्र कहता है कि यह तो तुने मुझे अच्छी बात बताई है। करना कहता है कि एक दिन लड़की ने मुझे सारी बात बताई थी। अरे उसके स्क्रीन शॉट हो तो ले लें। मैंने फोन लगाकर मुलसगांवकर को अच्छे से ठासा है। मैंने उससे कहा कि मेेरे घर में 40 बंदूक है। मैं मुसलगांवकर की मॉ.....दूंगा। तुम जाए समझा देना नहीं तो इसकी मॉ....दूंगा। करन कहता है सर इसने पूरा माहौल खराब कर रहा है। अपन दोनों मिलकर इसको कूटेंगे। फिर अपना दूसरा हथियार है नेहा।
नागेन्द्र- करन सुन अपने पास दूसरा हथियार है (महिलाकर्मी का नाम)। खूब कमाओ खाओ, तुम्हारे भी बाल-बच्चे हैं।
नागेंद्र- जैसे तुझे पता है कुछ समय पहले एक ड्यूटी निकली थी कि संडे को एसडीएम के साथ ड्यूटी करना है। जिसमें ज्योति, रिता, आंनद सहित अन्य थे। लेकिन मेरे ड्यूटी चार दिन के सीएम प्रवास के दौरान सीधे कलेक्ट्रेट से लगाई थी। जबकि सभी अपर आयुक्तों और अन्य अधिकारियों की ड्यूटी निगमायुक्त ने लगाई थी लेकिन मेरी ड्यूटी ओनली सिंगल पर्सन की कलेक्टर से लगी थी। मुझे तो पांच हजार रुपए मिल जाएं, बहुत है।
करन-नहीं सर ऐसी बात नहीं।
नागेंद्र-ठीक है ज्यादा है तो 10 हजार रुपए दे देना बाकी तुम खाओ और मौज करो, बाकी रुपए तुम कमाओ और खाओ तुम्हारे भी बाल बच्चे हैं। करन मुझे मालूम है तू लालची नहीं है।