एक उम्र के बाद सीने में दर्द की समस्या ज्यादातर लोगों को होती है। जैसे ही छाती में दर्द होता है, इस बात को लेकर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है कि कहीं यह हार्टअटैक तो नहीं। हृदयाघात का विचार मन में आते ही सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है और हम डॉक्टर के पास भागते हैं। डॉक्टर को तुरंत पता चल जाता है कि सीने का दर्द हार्टअटैक है या फिर किसी और कारण से हो रहा है। यदि डॉक्टर अच्छा है तो वह सब कुछ सच बता देता है लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी भी सामने आई है जिसमें पैसा कमाने के लिए डॉक्टर ने गैस के दर्द वाले मरीजों की एंजियोग्राफी कर दी। इसलिए जरूरी है कि सभी को पता हो हार्टअटैक वाला सीने का दर्द और गैस वाले सीने के दर्द में क्या अंतर होता है।
छाती में हार्ट अटैक वाले दर्द की पहचान
हृदयाघात कभी अचानक नहीं आता। कई सप्ताह पहले से इसके लक्षण शरीर में दिखाई देने लगते हैं।
-चलने पर या फिर काम करते समय छाती में हैवीनेस या भारीपन महसूस होता है। जो काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है।
- दिनचर्या के दौरान सांस फूलने लगती है। जैसे आप रोज ऑफिस की सीढ़ी चढ़ते हैं परंतु अचानक उसी सीढ़ी को चढ़ते समय आपकी सांस फूलने लगे।
- सीने में दर्द से पहले कुछ सप्ताह खाने के बाद गले में जलन होती हो।
- रात में डिनर के बाद यदि आप वर्क करते हैं और आपके सीने में तेज दर्द हो और रुक जाने पर दर्द में आराम मिल जाए तो यह एक महत्वपूर्ण लक्षण है।
- ऐसा बहुत कम होता है लेकिन कुछ लोगों को लेफ्ट हेंड यानी बाएं हाथ में दर्द रहने की समस्या होने लगती है। यह दर्द जॉ लाइन यानी जबड़े तक जाता है। जबकि कुछ लोगों में लेफ्ट और राइट दोनों हाथों में दर्द हो सकता है, साथ ही यह दर्द जॉ लाइन तक जाता है।
- आमतौर पर यह दर्द चलते वक्त या कोई काम करते वक्त महसूस होता है। लेकिन रुकने और आराम करने पर ठीक हो जाता है।
- यदि लगातार कुछ सप्ताह तक खांसी और उसके साथ हाथ पैरों में सूजन बनी हुई है तब इसके बाद उठा सीने में दर्द हार्ट अटैक हो सकता है।
- जब आपने कोई शारीरिक श्रम ना किया हो या आप तेज गर्मी से ना आए हों और अचानक से आप पसीना-पसीना हो जाते हैं तो यह भी दिल की कमजोरी का एक लक्षण हो सकता है।
- उपरोक्त लक्षणों के बाद यदि सीने में दर्द होता है तो बहुत अधिक संभावना है कि यह हार्ट अटैक हो सकता है।
सीने में गैस के दर्द की पहचान
पेट की समस्या-पेट के कई तरह के बीमारियों के कारण भी छाती में दर्द हो सकता है।
एसिडिटी (Acidity) और एसिड रिफ्लक्स की वजह से कई बार सीने में दर्द (chest pain) और बेचैनी हो सकती है।
कई बार भोजन नली में ऐंठन या पेप्टिक अल्सर (जख्म) की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है।
जब पित्त की थैली में गैस बनती है और ये गैस छाती के तरफ जाती है तो छाती में गैस के लक्षण महसूस होने लगते हैं और चेस्ट पैन होने लगता है।
गैस का दर्द उस समय भी होता है जब आप आराम कर रहे होते।
उठने, बैठने, करवट लेने किसी भी प्रकार की मुद्रा में थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है और फिर दर्द शुरू हो जाता है।
पीठ को हाथ से रगड़ा जाए तो सीने के दर्द में आराम मिलता है।
चेस्ट पेन के और भी कई कारण होते हैं
फेफड़ों में निमोनिया और दवा के कारण चेस्ट पेन होता है।
छाती के अंदरूनी हिस्से में सूजन के कारण सीने में दर्द होता है। इसे प्ल्यूराइटिस कहते हैं।
टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस के कारण भी सीने में दर्द होता है। इस तरह का दर्द अक्सर सांस लेने पर होता है। तेज सांस लेने पर दर्द ज्यादा होता है।
यदि चेस्ट के लेफ्ट साइड में बार-बार दर्द होता है और सांस लेने में भी प्रॉब्लम होती है तो यह एंजाइना पेक्टोरिस हो सकता है।
कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन (कोरोनरी धमनी में किसी छेद या खरोंच) के कारण भी चेस्ट पेन होता है।
सीने की पसली टूटने के कारण भी छाती में दर्द हो सकता है। पसलियों की सूजन के आस्टीकान्ड्टिस (osteochondritis) के रुप में जाना जाता है, जो चेस्ट पैन का कारण बन जाता है।