चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका का डिसीजन करते हुए सरकार को निर्देशित किया कि वह साधु-सन्यासियों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था करे। जनहित याचिका में बताया गया था कि कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर और सन्नहित सरोवर के नजदीक साधु-संन्यासियों, भिखारियों व बेघर मजदूरों को रात की कड़ाके की ठंड में ओस से भीगे कंबलों में रात बितानी पड़ रही है।
जिस बूथ में साधु सन्यासी विश्राम करते थे सरकार ने उसे हटा दिया
याचिका दाखिल करते हुए कुरुक्षेत्र के सेक्टर 13 निवासी 73 वर्षीय सरोज जैन ने एडवोकेट संजीव गुप्ता और सचिन जैन के माध्यम से हाईकोर्ट को बेसहारा लोगों की स्थिति के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि ब्रह्म सरोवर और सन्नहित सरोवर पर बड़ी संख्या में साधू संन्यासी व बेघर लोग रात बिताते हैं। पहले वे यहां बने बूथ में रात बिताया करते थे लेकिन प्रशासन ने इन्हें यहां से हटा दिया जिसके चलते अब यह खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।
खुले आसमान के नीचे गीले कंबल में ठिठुरते मिले साधु सन्यासी
याची ने बताया कि उन्होंने इन लोगों को कंबल बांटे और अगले दिन जब सुबह वहां पहुंचे तो पाया कि ओस से गीले कंबलों में वे कांप और ठिठुर रहे थे। जब याची ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि हम नेताओं का वोट बैंक नहीं हैं इसलिए हमें भगवान के रहम पर छोड़ दिया गया है।
निराश्रितों को रात्रि विश्राम की व्यवस्था करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी
याची ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी बनाम केंद्र सरकार मामले में जरूरतमंद लोगों को रात्रि में ठहरने की व्यवस्था को अधिकार का दर्जा दे चुका है। इस सब के बावजूद कुरुक्षेत्र जैसी धर्मनगरी में लोग ठंड केकहर का शिकार हो रहे हैं।
याची की दलीलों पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि सरकार अब इस दिशा में काम शुरू कर रही है और जल्द ही इसे पूरा कर दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की इस दलील पर याचिका का निपटारा करते हुए जल्द से जल्द रात्रि शेल्टर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है।