सर्दियों में गुड़ सुबह खाना चाहिए या शाम को, सफेद खाना चाहिए या काला - HOME REMEDIES

Bhopal Samachar
ठंड के मौसम में हेल्थ प्रोडक्शन के लिए गुड़ खाने की सलाह सभी देते हैं, उसके फायदे भी बताते हैं लेकिन कुछ सवाल है जो अधूरे रह जाते हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि भारत में आयुर्वेद से जुड़ी हर चीज को खाने का एक निर्धारित समय होता है। गुड़ को खाने का सही समय क्या है। गुड सुबह खाना चाहिए या शाम को। बाजार में दो प्रकार का गुड़ प्राप्त होता है। एक सफेद और दूसरा काला। स्वास्थ्य के लिए लाभदायक कौन सा  है, सफेद गुड़ या फिर काला गुड़।

सुबह के समय गुड़ खाने के फायदे, Health Benefits Of Jaggery

आयुर्वेद के अनुसार, रोजाना खाली पेट गुड़ खाकर एक गिलास गर्म पानी पीने से पेट में गैस (Gas), एसिडिटी (Acidity), पेट दर्द (Stomach Pain), कब्ज (Constipation) से राहत मिलती है। इतना ही नहीं यह बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है। 

1. पेट की समस्याएं दूर करने में 

यदि आप सर्दी के मौसम में पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं तो आपको सुबह के समय गुनगुने पानी के साथ लगभग 10 ग्राम गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। खाली पेट गुनगुने पानी के साथ गुड़ खाने से एसिडिटी, कब्ज और गैस की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाती है।

2. खून की कमी और सफाई करने के लिए सुबह गुड़ खाएं 

यदि आपके शरीर में खून की कमी है तो सर्दी के मौसम में सुबह के समय खाली पेट गुड़ खाने से बॉडी में ब्लड की कमी नहीं रहेगी। गुड में पर्याप्त मात्रा में आयरन का भंडार होता है। यह आपके खून को बढ़ाने में काफी सहायक होता है। इसके अलावा खून को साफ करने के लिए भी गुड काफी उपयोगी खाद्य पदार्थ है। यह तो आपको पता ही होगा कि खून में गड़बड़ी होने पर कई तरह की बीमारियों के साथ-साथ स्किन प्रॉब्लम्स बहुत होती है।

4. सर्दियों में वेट कंट्रोल करने के लिए सबसे सस्ता तरीका 

ठंड के मौसम में मॉर्निंग वॉक बंद हो जाती है। ज्यादातर लोग जिम नहीं जाते। मौसम के कारण चटपटा और मसालेदार खाना खा लेते हैं। नतीजा उनका वजन बढ़ने लगता है और वह मोटापे से परेशान हो जाते हैं। गुड़ में पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पोटैशियम इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित करता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। साथ ही यह वाटर रिटेंशन की समस्या को कम करता है जिससे वजन तेजी से घटता है। यदि आप हर रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ 10 ग्राम गुड़ का सेवन करेंगे तो मसालेदार खाना खाने के बाद भी आपका वजन कंट्रोल में रहेगा।

5. ठंड में जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए सबसे सरल घरेलू उपचार 

सर्दी के मौसम में हड्डियों में दर्द बढ़ जाता है। उम्र दराज लोगों को जोड़ों में दर्द की शिकायत बनी रहती है। सुबह के नाश्ते के साथ 10 से 20 ग्राम गुड़ का सेवन करेंगे तो जोड़ों में दर्द खास तौर पर घुटनों के जोड़ों में दर्द नहीं होगा।

रात को गुड़ खाने के फायदे 

रात के समय खाना खाने के बाद गुड़ खाने से कई तरह के फायदे होते हैं। यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी एवं इम्यूनिटी बढ़ाता है। महामारी कोरोनावायरस संकटकाल में इम्यूनिटी की वैल्यू हर कोई समझ चुका है। महिलाओं को माहवारी के दिनों में दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए गुड बहुत अच्छा साधन है। लिवर की सफाई के लिए गुड़ का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है।

गुड़ में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और जिंक एवं सेलेनियम जैसे खनिज पाए जाते हैं। यह फ्री रेडिकल की क्षति को रोकने में मदद करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। पीरियड के दौरान पेट में दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करता है। साथ ही मूड को भी बेहतर बनाता है। गुड़ एंडोर्फिन का स्राव करता है जिससे शरीर को राहत मिलती है। प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों से बचने के लिए रोजाना एक टुकड़ा गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड़ को प्राकृतिक बॉडी क्लींजर माना जाता है। यह लिवर की सफाई कर हानिकारक विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही यह लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है। इससे लिवर पर दबाव कम होता है और लिवर स्वस्थ रहता है। 

निष्कर्ष: गुड खाने का सही समय क्या है 

हम सभी जानते हैं कि आयुर्वेद से जुड़ी हुई चीजों के खाने का एक समय निर्धारित होता है। कुछ चीजें तो ऐसी हैं जिन्हें गलत समय पर खाया तो फूड पॉइजनिंग हो जाती है। लेकिन गुड एक ऐसा पदार्थ है जिसे मनुष्य अपनी जरूरत के अनुसार सुबह या शाम को खा सकता है। यह दोनों समय लाभकारी है परंतु इससे पहले आपको देखना होगा कि आपके शरीर को किस प्रकार की समस्या है और उसके समाधान के लिए किस चीज की जरूरत है।

सफेद गुड अच्छा होता है या काला गुड

एक खास बात और कि गुड कभी भी सफेद नहीं होता। जो खूबसूरत सा गुड बाजार में मिलता है वो गुड ही नहीं होता। उसमें शक्कर शामिल होती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। गुड वही होता है जिसका कलर डार्क हो। जिसमें प्राकृतिक मिठास हो। गुड को सिर्फ देखकर नहीं बल्कि स्वाद लेकर खरीदना चाहिए। अच्छा गुड क्रिस्पी नहीं होता। 

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