भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate (ED)) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी के घर समेत 18 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई 3000 करोड़ रुपए के ई टेंडरिंग घोटाले के संदर्भ में की गई है। उल्लेखनीय है कि एम गोपाल रेड्डी को कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के सियासी संकट के समय मुख्य सचिव बनाया था। रेड्डी से पहले कमलनाथ के सीएस रहे थे। सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें मुख्य सचिव के पद से हटा दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने हैदराबाद स्थित जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड और मैक्स मेंटेना माइक्रो जेवी हैदराबाद के प्रमोटरों कि यहां भी तलाशी अभियान चलाया। बताया जा रहा है कि यह कार्यवाही हैदराबाद, बेंगलुरु और भोपाल के कई स्थानों पर की गई। ईडी के सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद के बंजारा हिल्स में एम गोपाल रेड्डी के घर की भी तलाशी ली गई है। इसके अलावा जुबली हिल्स में जीवीपीआर इंजीनियर्स के प्रमोटर गैंडलुरु वीरा शेखर रेड्डी के कार्यालयों की भी तलाशी ली।
मध्य प्रदेश की ईओडब्ल्यू ने पहली बार 2019 में पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया। जांच के दौरान पाया गया कि मध्य प्रदेश में विभिन्न विभाग जल संसाधन, जल निगम, पीडब्लूडी, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और सड़क विकास में जनवरी और मार्च 2018 के बीच गड़बड़ी की गई थी। दिल्ली की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने भी गड़बड़ी की पुष्टि की थी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले से भी बड़ा ई टेंडरिंग घोटाला शिवराज सिंह सरकार के कार्यकाल में हुआ था। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय इस घोटाले की जांच EOW को सौंपी गई थी। इसी दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले को संज्ञान में ले लिया था।
ई-टेंडरिंग के लिए सरकार ने जिस कंपनी को अधिकृत किया था वह कंपनी हैदराबाद की है। उससे संबंधित भोपाल के ऑफिस में ईडी के अफसर पहुंचे और दस्तावेजों की जांच की। हैदराबाद से भोपाल आई ईडी की एक विशेष टीम ने ई टेंडरिंग घोटाले में आरोपियों के घर और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से बड़े पैमाने पर दस्तावेज बरामद किए।