इंदौर। किसी जमाने में इंदौर की पॉलिटिकल आईडेंटिटी रही सुमित्रा महाजन 77 साल की हो गई है। पार्टी ने उन्हें लोकसभा अध्यक्ष का पद देकर पूरा सम्मान दिया और उसके बाद पॉलिटिकल वीआरएस दे दिया लेकिन सुमित्रा महाजन दादी मां बन जाने के बाद भी इंदौर की ताई बने रहना चाहती हैं। वह अपना वॉलेंटरी रिटायरमेंट एक्सेप्ट करने को तैयार नहीं है। आने वाले म्युनिसिपल कारपोरेशन के इलेक्शन में अपने कोटि के टिकट हासिल करने के लिए एक बार फिर से एक्टिव हो गई है।
स्टेटमेंट में फ्रस्ट्रेशन और डिप्रेशन दोनों दिखाई देते हैं
सुमित्रा महाजन के स्टेटमेंट में इन दिनों फ्रस्ट्रेशन और डिप्रेशन दोनों दिखाई देते हैं। शनिवार को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रंगकर्मियों के बनाए जा रहे कला वीथिका और गांधी हॉल का दौरा किया। इस दौरान सुमित्रा महाजन ने कहा- अब उन्हें कोई नहीं पूछता। वो आज हैं, कल रहेंगी या नहीं, कह नहीं सकते। समर्थकों के लिए निगम चुनाव में टिकट मांगने को लेकर कहा, अब उन्हें कौन पूछेगा।
अपना इंदौर के नाम पर पॉलिटिक्स जारी है
उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार में इंदौर उचित प्रतिनिधित्व देने की की भी मांग जरूर की है। ताई ने कहा कि इंदौर में ज्यादा मंत्री मिलते हैं, तो अच्छी बात है। नहीं मिलते हैं, तो रोष जाहिर करना चाहिए। महापौर का प्रत्याशी विजन वाला होना चाहिए।