अनामिका मिश्रा/ सिहोरा/ जबलपुर। भरपेट भोजन नहीं फिर भी 24 घंटे काम करने का हुक्म। बीमार होने पर इलाज भी नहीं और घर भेजने के लिए मजदूरी भी नहीं। बिल्कुल बंधक जैसी हो गयी थी जिंदगी लेकिन इतना जुल्म सहने के बाद अब घर पहुंचने की खुशी है।
मोबाइल पर परिजनों से बात करने तक की आजादी नहीं थी: बंधुआ मजदूर
थोड़ा-बहुत खाना मिलता था जबकि काम 24 घंटे करने के लिए दबाव डाला जाता था। ऐसे में कई लोग बीमार हो गए तो उन्हें डाक्टर तक नहीं ले जाया गया और जब घर जाने के लिए मजदूरी मांगते तो भी डांट पड़ती। यहां तक की मोबाइल फोन से परिजनों से बात करने तक की इजाजत नहीं थी। घर लौटने पर इन सभी लोगों के पुलिस में बयान दर्ज किए गए।
रात में मालिक के लठैत पहरा देते रहते थे
खितौला थाना अंतर्गत वार्ड नं 13 के निवासी अंजलि कोल, कुमकुम कोल, रागिनी गंगा, वंदना लक्ष्मी, शिवानी कोल, संजय कोल, संजय चौधरी, अनिल राजपूत, घनशयाम कोल, सुनीता बाई, राशि (4वर्ष) आदि सभी अपने घर से रोजी रोटी के लिए मजदूरी करने दो माह पहले खण्डवा गए थे , जहां पर असीम खान ने दो वर्ष के लिए पांच लाख रुपये में सभी बारह मजदूरों को महाराष्ट्र के सौलापुर में बेच दिया जहां पर इन मजदूरों से भरपेट भोजन नहीं फिर भी 24 घंटे काम करने का हुक्म। बीमार होने पर इलाज भी नहीं और घर भेजने के लिए मजदूरी भी नहीं। बिल्कुल बंधक जैसी हो गयी थी जिंदगी लेकिन इतना जुल्म सहने के बाद अब घर पहुंचने की खुशी है। थोड़ा-बहुत खाना मिलता था जबकि काम 24 घंटे करने के लिए दबाव डाला जाता था।सोने के लिए खेत में मेढ़ पर मालिक के आदमियों की सुरक्षा में सोने दिया जाता था।
चुपके से फोन पर बताई थी आपबीती
बंधक मजदूर में से अंजली ने मौका पर परिजनों को अपने साथ सभी लोगों के बंधक बनाए जाने और मारपीट की आपबीती फोन पर बताई जिसके बाद अंजलि की माँ खितौला थाने में शिकायत की लेकिन पुलिस ने कुछ नही किया जिसके बाद कांग्रेस नेता राजेश चौबे ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की जिसके बाद खितौला पुलिस ने बंधक मजदूरों को छुड़ाने महाराष्ट्र के सौलापुर से छुड़ाकर सकुशल घर वापसी कराई।
खितौला पुलिस शिकायत के बाद रही निष्क्रिय
बंधक मजदूरों में से अंजली की मां ने इन सभी लोगों के बंधक बनाए जाने की सूचना खितौला थाने में जाकर दी थी लेकिन पुलिस के कान में जूं तक नही रेंगी थी जिसके बाद पीड़िता की मां ने कांग्रेस नेता राजेश चौबे से बात की जिसने उच्चाधिकारियों से शिकायत की जिसके बाद खितौला पुलिस ने बंधक मजदूरों को छुड़ाने महाराष्ट्र के सौलापुर से छुड़ाकर सकुशल घर वापसी कराई।