जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर'में किराए के भवन में चल रहे मेडाज अस्पताल के संचालकों ने फर्जीवाड़ा कर बिल्डिंग ही बेच डाली। पीड़ित भवन मालिक ने मामले में एसपी से शिकायत की। इसके बाद बुधवार देर रात पांच लोगों के खिलाफ अधारताल थाने में फर्जीवाड़ा व दस्तावेजों की कूट रचना का केस दर्ज किया गया।
धनी की कुटिया निवासी शिवराज सिंह कुछ दिन पहले एसपी से शिकायत की थी। बताया गया, उसकी धनी की कुटिया में 3500 वर्गफीट में तीन मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग है। जमीन की कीमत करीब ढाई करोड़ रुपए है। वर्ष 1995 से 2008 तक उसने होटल व बार खोला, पर घाटे के चलते बंद करना पड़ा। उक्त भवन को डॉक्टर विवेक गुप्ता ने 1.40 लाख रुपए बिल्डिंग को किराए पर लेकर मेडाज नाम से अस्पताल शुरू किया। कुछ दिन तक उसे किराया देता रहा। इसके बाद किराया देना बंद कर दिया।
शिवराज सिंह के मुताबिक पैसे मांगने पर वह कुछ दिनों तक बहाने करता रहा। इसके बाद विवाद करने लगा। बोला कि यह सम्पत्ति उसने गोरखपुर के रहमान अली को बेच दिया है। छानबीन की, तो पता चला कि डॉक्टर विवेक गुप्ता ने सताउर्र रहमान को पार्टनर बनाकर ये भवन बेचने का अनुबंध शहनाज अली से की थी। शहनाज अली गोरखपुर निवासी सताउर्र रहमान अली की पत्नी है।
आरोपियों ने निगम के रिकॉर्ड में भवन का अपना दर्शाते हुए संपत्ति टैक्स भी जमा करने लगे। फिर शहनाज अली ने इस भवन को अविनाश लाल को बेच दिया। डॉक्टर विवेक गुप्ता वर्तमान में विदेश में रह रहा है। रहमान अली रोज तीन-चार साथियों के साथ आकर शिवराज सिंह को अक्सर धमकाता रहता है। वह उस पर भवन बेचने का दबाव डालता है।
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर मामले में अधारताल थाने में सताउर्र रहमान अली, शहनाज अली, डॉक्टर विवेक गुप्ता, अविनाश लाल और संजीव सिंह उर्फ बाबी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471,120 बी भादवि का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है