माननीय मुख्यमंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन भोपाल, जैसा कि हम सबको पता है हमारे मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश की नौकरियां मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए होंगी इसी के तहत आपने उचित कदम उठाते हुए यह कहा था कि मूलनिवासी की अनिवार्यता की जाएगी तथा अराजपत्रित पदों पर 10वीं और 12वीं मध्य प्रदेश बोर्ड से पास होना अनिवार्य किया जाएगा।
लेकिन युवाओं की ओर से मुझे बड़े दुख के साथ आपको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आपके द्वारा किए गए वादे पर मध्य प्रदेश सरकार के विभाग खरे नहीं उतर रहे। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने दो विज्ञापन जारी किए हैं जिनमें एक विज्ञापन में 75 पदों पर भर्ती की जानी है और दूसरे विज्ञापन में 29 पदों पर भर्ती की जानी है और इन दोनों ही विज्ञापनों में ना तो कहीं मूलनिवासी का जिक्र आता है और ना ही कहीं 10वीं या 12वीं मध्य प्रदेश बोर्ड से पास करने की अनिवार्यता दिखती है।
बात सिर्फ यहां नहीं रुकती बल्कि विभाग ने तो आप के वादे की अनदेखी करते हुए परीक्षा केंद्र मध्य प्रदेश से बाहर के राज्यों में भी बनाए हैं जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली। मेरा सभी बेरोजगार युवाओं की ओर से मध्य प्रदेश के सहकारी विकास विभाग से यह प्रश्न है कि आपको ऐसी कौन सी जरूरत आन पड़ी है जो मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का एग्जाम किन्ही दूसरे राज्यों में करवाने की आवश्यकता लगी।
मैं पूछना चाहता हूं क्या किसी दूसरे राज्य की सहकारी बैंक ने कभी भोपाल अपना केंद्र बनाया है और अगर बनाया हो तो भी हम क्यों दूसरे राज्यों के लोगों को इतनी सहूलियत प्रदान करते हैं। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की नौकरियां मध्य प्रदेश के युवाओं को देने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर सरकार के ही विभाग इस तरह अपनी नौकरियों को दूसरे राज्यों के युवाओं को भेंट कर रहे हैं।
मेरा आपसे निवेदन है कि इस बात पर स्वता संज्ञान लिया जाए और जितने भी परीक्षा केंद्र है सब को रद्द किया जाए मात्र मध्य प्रदेश के शहरों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए इसके साथ ही मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक द्वारा जो परीक्षा कराई जा रही है उसमें मध्यपदेश सामान्य ज्ञान का प्रश्न पत्र अनिवार्य किया जाए जिससे कि मध्य प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता मिल सके।
इसके साथ ही मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करूंगा कि कृपया इस तरह विभाग द्वारा निकाली गई नौकरियों पर ध्यान दिया जाए और ऐसे विभागों पर कड़ी कार्यवाही की जाए जो आपके दृष्टिकोण से मेल नहीं खाती। ✒ रानू पाठक