भोपाल। मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू के संक्रमण की संभावना के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पहला प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए बुधवार को आला अफसरों के साथ आपात बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से कुछ दिनों के लिए पोल्ट्री का कारोबार रोक दिया जाए।
संकट जैसी स्थिति नहीं लेकिन जरूरी कदम उठा रहे हैंः सीएम ने कहा
सीएम ने कहा कि एहतियात के तौर पर यह अस्थाई रोक लगाई गई है। इंदौर, आगर-मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मौत के बाद सावधानी बरती जा रही है। हालांकि, अभी प्रदेश में संकट जैसी स्थिति नहीं है। बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर जिलों में गाइडलाइन पर अमल करने के निर्देश देगा। स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने बताया कि केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद रोज जानकारी लेने के लिए दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बनाया है।
मध्यप्रदेश मेें 11 दिन में 376 कौवों की मौत
23 दिसंबर से 3 जनवरी 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13 और सीहोर में 9 कौवों की मौत हुई है। मृत कौवों के नमूने तुरंत भोपाल स्थित स्टेट डीआई लैब भेजे गए हैं। हालांकि, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि कौवों में पाया जाने वाला वायरस एच5एन8 अब तक मुर्गियों में नहीं मिला। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस एच5एन1 होता है।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों को खास निर्देश
जिलों में तैनात पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कौवों की मौत की सूचना मिलते ही तुरंत रिपोर्ट भेजी जाए। पोल्ट्री और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स मार्केट, फार्म, तालाब और प्रवासी पक्षियों पर खास नजर रखी जाए और प्रवासी पक्षियों के नमूने भोपाल लैब को भेजे जाएं।