भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राधेश्याम जुलानिया जहां भी पदस्थ होते हैं कुछ ना कुछ ऐसा करते हैं कि संबंधित एक-एक व्यक्ति तक उनका नाम पहुंचाए। इन दिनों एमपी बोर्ड के चेयरमैन है। माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल की हेल्पलाइन को अचानक बंद करवा दिया। अब पूरे प्रदेश का एक एक बच्चा जान जाएगा कि उनकी हेल्प लाइन बंद करवाने वाले अफसर का नाम है राधेश्याम जुलानिया।
MP BOARD: स्कूल बंद है हेल्पलाइन ही सहारा थी
हेल्पलाइन सेंटर में फोन करने वाले छात्रों को विषय संबंधी किसी समस्या के समाधान के लिए काउंसलर संबंधित विषय के शिक्षक का नंबर देती थीं। इस पर शिक्षकों से बात कर स्टूडेंट्स अपने जिज्ञासाओं का समाधान पूछते थे। बताने की जरूरत नहीं की हेल्पलाइन की मदद से पढ़ाई करने वाले बच्चे की अपनी कक्षा, जिले और प्रदेश में टॉप आते रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि इस बार कोरोना की वजह से पहले ही कक्षाएं नियमित नहीं हो पाई है। कोर्स अधूरा है तनाव अधिक है इस बीच हेल्प के लिए मदद भी बंद कर दी गई है। ऐसे में शिक्षकों के अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता है, तब हेल्पलाइन बंद की गई है।
चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया की दलील: परीक्षा के दौरान हेल्प करेंगे
माध्यामिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन में तीन शिफ्ट में 18 काउंसलर और 100 से अधिक विषय विशेषज्ञ शामिल होते थे। सुबह 8 से रात 8 बजे तक हेल्पलाइन सेवा जारी रहती थी। हर शिफ्ट में 6-6 काउंसलर बच्चों की समस्याएं सुनते थे। इसके कारण बच्चे परीक्षा से पहले की पढ़ाई के फाइनल राउंड में अच्छी तैयारी कर पाते थे। राधेश्याम जुलानिया, चेयरमैन माध्यमिक शिक्षा मंडल का कहना है कि हेल्पलाइन को बंद कर दिया गया है परंतु यह हेल्पलाइन परीक्षा के पहले शुरू हो जाएगी। हेल्पलाइन का मकसद ही यही है कि छात्र को परीक्षा के दौरान आने वाली कठनाईयों को दूर किया जाए।