उमरिया। आंगनबाड़ियों में गरीब बच्चों को पौष्टिक भोजन की जगह पर मुरमुरे बांटने का मामला सामने आया है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने 2 जनवरी को इस मामले में आशा सिंह प्रभारी सेक्टर पर्यवेक्षक करकेली परियोजना, महिला एवं बाल विकास विभाग उमरिया क्रमांक दो को सस्पेंड किया था। दूसरे दिन 3 जनवरी को दूसरी महिला अधिकारी प्रियंका पांडे को सस्पेंड कर दिया गया।
प्रियंका पाण्डेय सेक्टर पर्यवेक्षक उमरिया सस्पेंड
उमरिया कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक सूचना के अनुसार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियन्त्रण तथा अपील) नियम, 1966 की धारा 9 के तहत प्रियंका पाण्डेय सेक्टर पर्यवेक्षक उमरिया महिला एवं बाल विकास परियोजना उमरिया क्रमांक 1 को निलंबित कर दिया है।
रेडी टू ईट के तहत भुना चना, दाल, शक्कर, लड्डू चूरा, गुड और तेल दीया जाना था
विदित हो कि शासन के निर्देशानुसार 6 माह से 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चो को गेहूँ, भुना चना, दाल, शक्कर, लड्डू चूरा, गुड तेल प्रति हितग्राही 200 ग्राम प्रति दिवस जाना था। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निरीक्षण के दौरान सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट के तहत पात्र हितग्राहियों को पोषण आहार में मुरमुरा वितरित किया जा रहा था, जो कि शासन द्वारा प्रदाय मीनू मे नही आता है।