जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट का कहना है कि जब तक याचिका का निराकरण नहीं हो जाता तब तक किसी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाए। मामला नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए एक तरफा सेवा समाप्ति के आदेश का है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के खिलाफ एकतरफा आदेश जारी किया
याचिकाकर्ता प्रकाश सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता सुजीत सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिककार्ता जबलपुर जिले की जिला अंतर्गत कार्यरत हैं। कोरोना काल में सफाई कर्मियों का अत्यधिक महत्व है। इसके बावजूद उनको निकाले जाने की तैयारी की जा रही है। 15 मार्च 2020 को नगरीय प्रशासन विभाग संयुक्त संचालक ने नगर निगम व अन्य नगरीय निकायों को आदेश दिया कि सभी दैनिक वेतनभोगी और मस्टर रोल पर कार्यरत कर्मियों को निकाला जाए।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया
इस आदेश के पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मियों को सुनवाई का अवसर तक नही दिया गया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का भी अभी तक निराकरण नहीं किया गया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने जल्द से जल्द अभ्यावेदन का निराकरण करने का निर्देश देकर तब तक याचिकाकर्ताओं को निकालने पर रोक लगा दी।