भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पड़े आयकर छापों के दौरान जब्त दस्तावेजों के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है, लेकिन इसका असली निशाना पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ हैं। प्राथमिकी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इसमें शामिल होगा और एफआइआर दर्ज की जाएगी। अभी चार पुलिस अधिकारी इसमें नामजद हैं। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों को मामले में गवाह बनाकर कमल नाथ को कार्रवाई की जद में लाया जाएगा। आयकर विभाग की उक्त कार्रवाई के दौरान कमल नाथ मुख्यमंत्री थे और अधिकारी गवाही दे सकते हैं कि वे सिर्फ मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन कर रहे थे।
इलेक्शन कमीशन ने एमपी गवर्नमेंट को लीगल एक्शन के लिए लिखा है
गौरतलब है कि जनरल इलेक्शन 2019 से ठीक पहले कमलनाथ की टीम के कुछ लोगों के यहां बड़ी इनकम टैक्स रेड के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस की रिपोर्ट को फॉरवर्ड करते हुए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने गवर्नमेंट ऑफ़ मध्य प्रदेश को इंस्ट्रक्शन दिए हैं कि इन्वेस्टिगेशन में गिल्टी पाए गए इंडियन पुलिस सर्विस के तीन एवं मध्य प्रदेश पुलिस सर्विस के एक अधिकारी के खिलाफ लीगल एक्शन शुरू करें।
मध्य प्रदेश मनी लांड्रिंग केस में इलेक्शन कमिशन लगातार फीडबैक ले रहा है
बात यहीं खत्म नहीं हुई है क्योंकि इलेक्शन कमिशन लगातार इस केस का फीडबैक भी ले रहा है। बताया गया है कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान 281 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग पाई गई है। खबरों में तो यह भी बताया गया था कि दिल्ली के जिस इलाके में कमलनाथ का घर है वहां से कांग्रेस पार्टी के हेड क्वार्टर को 20 करोड़ रुपए कैश ट्रांसफर किया गया था।
कमलनाथ से जुड़े किन लोगों के यहां पड़े थे आयकर के छापे
उल्लेखनीय है कि आयकर के छापे तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबियों राजेंद्र मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी के लोगों, कमल नाथ के ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कांट्रेक्टर अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी व हिमांशु शर्मा के यहां पड़े थे। करीबियों पर छापे पड़ने से कमल नाथ पहले से ही शक के दायरे में हैं।
मामले की जांच और आंच कमलनाथ और गांधी परिवार तक जाएगी
फलहाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले को कानूनी दायरे में ला दिया है। कहा जा रहा है कि इस मामले की मामले की जांच और आंच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी तक जाएगी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के काला धन कनेक्शन का खुलासा किया जाएगा।
CBDT रिपोर्ट में कमलनाथ का नाम नहीं फिर कैसे फंसेंगे
खबर आ रही है कि जिन चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उन चारों किया उनमें से कम से कम दो को सरकारी गवाह बनाया जाएगा। उनके बयान के आधार पर कमलनाथ और सोनिया गांधी जांच की जद में आ जाएंगे। यह खुलासा भी किया जाएगा कि राहुल गांधी अपने चुनाव अभियान पर मनी ट्रांसफर के पहले आए थे या बाद में।
ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक बुरे फंसे
इस केस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बुरे फंस गए हैं। अब वो कांग्रेस पार्टी में नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी में है। उन्हें उम्मीद है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण उन्हें बचा लिया जाएगा परंतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर निगरानी रखने वाले प्रचारकों का मानना है कि उनके खिलाफ कार्रवाई करके भारतीय जनता पार्टी अपनी निष्पक्षता प्रमाणित कर सकती है।
मध्य प्रदेश मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का बयान
कानून सबके लिए बराबर है। जांच के दायरे में जो भी नाम आएंगे,उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मामला राजनीतिक नहीं है बल्कि आपराधिक है। - डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री