कटनी। अपहरण के एक मामले में कटनी जिले की बिजरावगढ़ पुलिस ने उमरिया जिले के ददरौडी निवासी सियाचरण को पूछताछ के लिए ले गई और अगले ही दिन उसकी लाश गांव में पेड़ पर झूलती पाई गई लाश को पेड़ पर झूलता हुआ देखकर गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है।
पुलिस कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम ददरौडी निवासी राजू बसोंर के खेत में सियाचरण पिता राम मित्र द्विवेदी उम्र 57 वर्ष की संदिग्ध अवस्था में सुबह पेड़ पर लटकता शव मिला है। इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि मृतक की हत्या कर शव को पेड़ पर लटकाया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं पुलिस अधीक्षक विकाश शाहवाल मौके पर पहुंचे,और ग्रामीणों को समझाइश दी। जिसके बाद किसी तरह FSL टीम एवम फिंगर प्रिंट टीम के समक्ष शव को नीचे उतारा गया और ज़रूरी करवाई की गई है। इस दौरान मौके पर मौजूद सैकड़ो की तादात में आक्रोशित ग्रामीण जन मामले से जुड़े संदिग्ध आरोपितों पर कार्रवाई की मांग कह रहे थे।
मृतक की बहू प्रगति द्विवेदी का भाई अंकित उपाध्याय अपहरण के एक मामले में प्राइम सस्पेक्ट था। बताया जाता है कि बिजराहोघवगढ़ पुलिस इसी मामले में पीड़ित परिवार से पूछताछ कर रही थी। बताया जाता है कि बिजराहोघवगढ़ निवासी मासूम का इसी माह 12 तारीख को अपहरण हो गया था। बहन प्रगति की शादी होने की वजह से बिजराहोगढ़ पुलिस को संदेह था,कि प्राइम सस्पेक्ट यही कही छुपा है। पीड़ित परिवार की माने तो इसी पूछताछ के नाम पर पुलिस परिवार के लोगो पर कहर बनकर टूटी थी,और अंत में परिवार के मुखिया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।
सवाल इस बात का है कि दूसरे जिले की पुलिस कार्यवाही के नाम पर बिना लोकल पुलिस के पूछताछ कैसे कर रही थी। हालांकि बातचीत के दौरान पुलिस अधीक्षक विकाश शाहवाल ने भी आपसी सामंजस्य की कमी की बात कहते हुए मिस कम्युनिकेशन की बात मानी है। जिला एवम पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार को न्यायसंगत कार्यवाही का आश्वासन दिया है। देखना होगा इन्वेस्टिगेशन में मौत के क्या कारण सामने आते है।
मृतक की पत्नी सुनीता द्विवेदी की माने तो सोमवार की देर शाम बिजराहोगढ़ पुलिस घर आई थी,और मृतक को कोतवाली थाने ले जाने के नाम से घर से उठा ले गयी और देर रात तक उसके साथ मारपीट की। पत्नी का आरोप है कि मृत्यु होने पर पेड़ पर लटका दिया। बहु प्रगति द्विवेदी ने जो बताया वो तो महिलाओं के प्रति पुलिस की ज्यादती का जीता जागता उदाहरण है। उसने बताया कि दो दिन पूर्व से बिजराघवगढ़ पुलिस हमे भी ले गयी थी,और जमकर मारपीट की है। घटना की सुबह किसी तरह हमे छोड़ा है।
उसने यह भी बताया कि पति छत्तीसगढ़ रायपुर में रहते है, पिछले तीन महीने से घर नही आये, उनके विरुद्ध भी पुलिस ने प्रकरण कायम किया है। घटना के बाद बिलखते परिवार ने जो बीते दो हफ़्तों की आपबीती सुनाई उससे किसी के भी रूह कांप जायेगी। परिवार के लोगो ने यह भी बताया कि पुलिस के साथ साथ दबंगो ने भी इन दो हफ्तों में जीना मुहाल किया था। आये दिन बड़ी बड़ी गाड़ियों से आकर परिवार के साथ बदसलूकी और मारपीट कर रहे थे। मृतक की पत्नी सुनीता द्विवेदी ने बताया कि मामले की शिकायत स्थानीय कोतवाली थाने में की गई थी,परन्तु कोई कार्यवाही नही की गई,पुलिस अगर आवश्यक कार्यवाही करती तो निश्चित ही पति की इस तरह संदिग्ध मौत नही होती।