छिंदवाड़ा। लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक छापामार कार्रवाई के दौरान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के रेंजर दिलीप सिंह भलावी को एक कारपेंटर से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि कारपेंटर नियम अनुसार फर्नीचर का काम करना चाहता था परंतु फिर भी रेंजर दिलीप सिंह उसे विभागीय अनुमति नहीं दे रहा था। रेंजर दिलीप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
फर्नीचर का वैध कारोबार करने के लिए भी रिश्वत की मांग की गई
राजना गांव के रहने वाले श्याम राव (61) कारपेंटर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी। उनका कहना है कि वह फर्नीचर का कारोबार करते हैं। इसके लिए वन विभाग की अनुमति की जरूरत पड़ती है। उन्होंने इसके लिए वन विभाग में रेंजर दिलीप सिंह भलावी से संपर्क किया। उन्होंने इसके बदले में एक लाख रुपए मांगे। उन्होंने रुपए में असमर्थता जताई, लेकिन दिलीप सिंह अड़े रहे। इसके बाद श्याम राव ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर को कर दी। लोकायुक्त ने रेंजर को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई।
गुरुवार दोपहर करीब पौने दो बजे लोकायुक्त पुलिस की योजना के अनुसार कारपेंटर श्याम राव केमिकल लगे नोट लेकर पहली किश्त देने दिलीप सिंह भलावी के सरकारी आवास पहुंचे। यहां जैसे ही उन्होंने रेंजर को रुपए दिए, लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झर, इंस्पेक्टर घनश्याम मर्सकोेले समेत 8 लाेगों की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
पहले रिश्वत में फर्नीचर लेता था रेंजर, अब नगद पैसे मांगने लगा
श्याम राव का आरोप है कि इससे पहले वे कई बार दिलीप सिंह के यहां फर्नीचर बनाकर भेज चुके हैं। करीब डेढ़ लाख का फर्नीचर वह पहले उनके यहां भिजवा चुके हैं। श्याम राव का कहना है कि जैसे-तैसे वह फर्नीचर देते रहे, लेकिन अब इतने पैसे कैसे देते, इसलिए लोकायुक्त में शिकायत कर दी।