भोपाल। लोक शिक्षण संचनालय के एक के बाद एक शिक्षक विरोधी तुगलकी आदेशों के चलते ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश भर में 28 जनवरी को शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
ज्ञात होवे कि कोरोना काल में पिछले 8 महीनों से विद्यालय बंद होने से पढ़ाई नहीं हुई है। ऑनलाइन क्लास के नाम पर सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों की पढाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई। ऐसे में लोक शिक्षण संचनालय के आदेश के बाद एक नवंबर से हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल खोले गए, लेकिन उसमें भी बच्चों को अभिभावकों की लिखित अनुमति से विद्यालय में बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में काफी प्रयास करने के बाद भी बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। वहीं लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 18 जनवरी को एक और तुगलकी आदेश जारी किया गया, जिसमें सत्र 2020-21 के लिए परीक्षा परिणामों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कक्षा बारहवीं के लिए 73%, ग्यारहवीं के लिए 81%, दसवीं के लिए 64% और नवमी के लिए 59% परीक्षा परिणाम का लक्ष्य निर्धारित किया गया, साथ ही आदेश में निर्धारित लक्ष्य से कम परीक्षा परिणाम आने पर विषय शिक्षकों एवं प्राचार्य को दंडित करने का प्रावधान भी किया गया है। लक्ष्य का निर्धारण करना तो ठीक है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय बंद रहने और स्वेच्छिक उपस्थिति के कारण निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति ना होने पर दंडित करने का प्रावधान अधिकारियों की तानाशाही को दर्शाता है। विभाग के उच्च पदों में बैठे अधिकारियों की नीतियों का अक्षरशः पालन करने के बाद भी यदि प्रदेश में परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं आ रहा है, तो एक बार अधिकारियों को आत्मचिंतन करके अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए।
अपनी गलतियों का ठीकरा शिक्षकों के सिर फोड़ाने के बजाए विभाग के अधिकारी को मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले शिक्षकों के साथ बैठकर विचार मंथन कर नीतियों में बदलाव करना चाहिए ताकि उद्देश्यों की शत् प्रतिशत प्राप्ति हो सके। सरकार को कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी छात्रों को उत्तीर्ण करने की नीति और बच्चों की उपस्थिति के लिए अभिभावकों के गैर जिम्मेदाराना रवैया पर भी विचार करना चाहिए। इसी तरह दक्षता आंकलन परीक्षा के नाम पर मनमानी करते हुए बिना किसी निश्चित नियमावली का पालन किए हौज-पौज तरीके से परीक्षा लेकर समाज में शिक्षकों की छवि को धूमिल करने का काम विभाग के अधिकारियों द्वारा ही किया जा रहा है।
ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन सभी शिक्षकों एवं शिक्षक संगठनों से अपील करता है कि शिक्षकों के सम्मान के विरोध में एक के बाद एक होने वाले अव्यवहारिक आदेशों के खिलाफ लामबंद होकर सबको सड़कों पर आकर इसका विरोध करना चाहिए। सभी अभिभावकों से भी अपील है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजना सुनिश्चित करें साथ ही उनकी प्रतिदिन की पढ़ाई पर ध्यान दें, ताकि अच्छे शिक्षक समाज में अपमानित होने से बच सकें।