भोपाल। मध्य प्रदेश में इस समय शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हजारों उम्मीदवार ऐसे हैं जो कहने को तो सरकारी नौकरी की दहलीज पर खड़े हैं लेकिन उन्हें एक लंबे समय अंतराल के बाद भी आज तक नियुक्ति नहीं मिल सकी है जिससे चयनित शिक्षकों की बेचैनी और अधिक बढ़ गई है। इन्हें नियुक्ति कब मिलेगी इसका पता खुद इन्हें तो क्या किसी और को भी नहीं। आज यह चयनित शिक्षक सरकार की बेरुखी से इतिहास की विषय वस्तु बनते जा रहे हैं।
चयनित शिक्षक जनवेद सिंह का कहना है कि प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी किसी से छुपी नहीं है फिर भी सरकार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को टालती जा रही है। ज्ञात है कि प्रदेश में करीब 30 हजार शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होना है मध्यप्रदेश शासन द्वारा PEB के माध्यम से 2018 में शिक्षक भर्ती निकाली गई और इन परीक्षाओं के परिणाम वर्ष 2019 में आए। जिनमें हम अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की। 2 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी चयनित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। दरअसल, सरकार ने अकारण ही भर्ती प्रक्रिया को रोके रखा है।
वर्तमान में चयनित शिक्षक घोर आर्थिक तंगी और मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं। तथा भविष्य के होने वाले शिक्षक, एक शिक्षक की गरिमा से हटकर चाय बेचने, मजदूरी करने, सब्जी बेचने जैसे कार्य करने को मजबूर हैं आक्रोशित चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि हमारी आधिकारिक और जायज मांग नियत समय में पूरी नहीं होती है तो पूरे प्रदेश भर में धरना, प्रदर्शन एवं आंदोलन करेंगे। जो अनिश्चितकालीन रहेगा और जब तक नियुक्ति नहीं मिल जाएगी तब तक चलता ही रहेगा।