भोपाल। कर्नाटक में दल बदल कानून के तहत हाई कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किए गए विधायक एएच विश्वनाथ को सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री पद के अयोग्य माना है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ेगा या नहीं इस पर विचार विमर्श शुरू हो गया है।
कर्नाटक दलबदल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है
कर्नाटक और मध्य प्रदेश में एक जैसे राजनीतिक घटनाक्रम हुए। दोनों राज्यों में सत्ता पक्ष के विधायकों ने इस्तीफा देते हुए दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर दिया और राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। कर्नाटक में विधायक एएच विश्वनाथ को हाई कोर्ट ने दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था। भाजपा सरकार ने विश्वनाथ को विधान परिषद का सदस्य बनाकर मंत्री बनाने की कोशिश की परंतु सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया कि अयोग्य व्यक्ति सत्ता के किसी भी पद के लिए अयोग्य होता है।
दलबदल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मध्य प्रदेश पर असर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्य प्रदेश में विचार-विमर्श शुरू हो हो गया है। भारतीय जनता पार्टी और कमलनाथ कांग्रेस के कानून के विशेषज्ञ सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन का अध्ययन कर रहे हैं। प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि जिस प्रकार कर्नाटक में दलबदल करने वाले नेता मंत्री पद के अयोग्य माने गए उसी प्रकार मध्यप्रदेश में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री पद के योग्य माने जाएंगे और इन्हें पद से हटा दिया जाएगा। परंतु एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में यह भी कहा है कि यदि दलबदल करने वाला नेता चुनाव लड़कर जनता का वोट प्राप्त करके विधायक बनता है तो बात अलग होती है।