भोपाल। मध्य प्रदेश के कुछ शहरी इलाकों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है जिससे लोग ठंड से राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन किसानों के लिए यह राहत काफी घातक हो सकती है। मध्यप्रदेश के आसमान पर अरब सागर के बादल छा गए हैं। बारिश की संभावना है और ओलावृष्टि का खतरा भी है।
मध्य प्रदेश के किन जिलों में बारिश एवं ओलावृष्टि की संभावना
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ग्वालियर, चंबल, भोपाल, उज्जैन संभाग और इंदौर संभाग में कहीं-कहीं रविवार को गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। इस दौरान ओले गिरने की भी संभावना है। मौसम का इस तरह का मिजाज दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का तापमान
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है। साथ ही शुक्रवार के अधिकतम तापमान (25.2 डिग्री सेल्सियस) के मुकाबले दो डिग्री सेल्सियस अधिक भी है। न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। यह सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है। शुक्रवार के न्यूनतम तापमान (9.9 डिग्री सेल्सियस) की तुलना में 5.3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
आसमान में अफगानिस्तान, राजस्थान और अरब सागर की हवाएं टकरा रही हैं
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उसके आसपास सक्रिय है। एक द्राणिका लाइन (ट्रफ) अरब सागर से गुजरात होते हुए राजस्थान तक बनी हुई है। इसके प्रभाव से पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का टकराव हो रहा है। इसके अतिरिक्त एक प्रेरित चक्रवात दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है। इन तीन सिस्टम के असर से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है।
मध्यप्रदेश के आसमान पर बेमौसम बादल क्यों बन गए
उत्तरी हवा नहीं चलने और वातावरण में नमी बढ़ने से राजधानी सहित भोपाल, ग्वालियर, चंबल संभाग, इंदौर संभाग के जिलों में बादल छा गए हैं। इससे न्यूनतम तापमान बढ़ने लगा है। शनिवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच ग्वालियर में 0.4 मिमी. बरसात हुई। शुक्ला के मुताबिक अभी दो-तीन दिन तक राजस्थान से लगे प्रदेश के जिलों में बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।