भोपाल। हिमालय की बर्फीली हवाओं ने राजस्थान को बर्फ की तरह जमा कर रख दिया है। शीतलहर उत्तर प्रदेश में भी है। स्वाभाविक है कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब इसकी चपेट में है और यही बर्फीली हवाएं मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों तक पहुंच चुकी है। 3 दिनों बाद पश्चिम से गर्म हवाएं उत्तर की तरफ आगे बढ़ेगी। उत्तर भारत में जब पश्चिम की हवाएं उत्तर की हवाओं से टकराएंगी तो, हिमालय की बर्फीली हवाओं की दिशा बदल जाएगी और मध्यप्रदेश में ठंड से राहत मिलेगी।
12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है बर्फीली हवाएं
इस वर्ष उत्तर भारत में एक के बाद एक लगातार पश्चिमी विक्षोभ पहुंचने से पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी तो हुई, लेकिन हवाओं का रुख उत्तरी नहीं हो सका था। इसके चलते दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर 10 जनवरी तक न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज नहीं हो सकी थी। रविवार के बाद मौसम साफ होने के बाद हवाओं का रुख उत्तरी हुआ। इसके बाद उत्तर भारत की तरफ से 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रही सर्द हवाओं से राजधानी सहित पूरे मध्यप्रदेश में ठिठुरन बढ़ने लगी है।
ग्वालियर, सागर रोड रीवा संभाग में अगले 3 दिन कड़ाके की ठंड
वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। इससे वातावरण में नमी कम होने लगी है। इससे मौसम लगभग शुष्क हो गया है। लगातार सर्द हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज होने लगी है। विशेषकर उत्तरी मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। बुधवार-गुरुवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में शीतलहर चलने के साथ ही कहीं-कहीं फसलों पर पाला पड़ने की भी आशंका बढ़ गई है।
दो दिन बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। इसके बाद हवा का रुख बदलने से एक बार फिर न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगेगी।