ग्वालियर। एक चौंकाने वाला मामला कुटुंब न्यायालय के सामने पेश हुआ है। मध्य प्रदेश पुलिस के एक आरक्षक ने बताया है कि उसकी पहली पत्नी के निधन के बाद उसके ससुर ने उसकी दूसरी शादी कराई थी। जिससे उसकी शादी हुई है वह महिला नहीं बल्कि किन्नर है। पुलिस आरक्षक ने अपनी दूसरी शादी को शून्य घोषित करने के लिए याचिका दाखिल की है।
कोविड-19 की वजह से मार्च 2020 में कुटुंब न्यायालय में सुनवाई बंद हो गई थी, लेकिन नवंबर 2020 में सीमित केसों की सुनवाई शुरू की गई थी। ऐसे में हर केस को नहीं सुना जा रहा था। गत दिवस से कुटुंब न्यायालय में भौतिक सुनवाई शुरू होने के साथ ही मीडिएशन व काउंसिलिंग भी शुरू हो गई है। कोर्ट के खुलने पर आरक्षक राकेश (परिवर्तित नाम) ने भी आवेदन पेश किया है। राकेश की पहली पत्नी का निधन बीमारी से हो गया था। पहली पत्नी से दो बच्चे हैं। इनकी देखभाल के लिए राकेश दूसरी शादी करना चाहते थे, इसलिए पहली पत्नी के पिता ही रिश्ता लेकर आए।
राकेश को बताया कि तुम्हारे दो बच्चे हैं और यह लड़की रानी (परिवर्तित नाम) मां नहीं बन सकती, इसलिए बच्चों का लालन-पालन अच्छे से होगा। राकेश भी शादी के लिए तैयार हो गया। सात महीने पहले राकेश का विवाह हुआ। शादी की रात को उसे पता चला रानी तो किन्नर है। यह बात उसने अपने स्वजनों को बताई। घर में रिश्तेदार जुटे और विवाह को कोर्ट से शून्य कराने का फैसला लिया गया। अब कोर्ट में विवाह शून्य कराने के लिए आवेदन लगाया है।
विवाह शून्य कराने का है प्रविधान
अधिवक्ता अनिल शर्मा के अनुसार हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 11-12 में विवाह को शून्य कराने का प्रविधान है। यदि किसी का विवाह किन्नार से हो गया है। शादी के पहले से कोई लड़की गर्भवती है या किसी का एक ही गोत्र में विवाह हो गया है। इन तीनों स्थितियों में विवाह को शून्य कराया जा सकता है। विवाह शून्य होने पर पति की संपत्ति पर किसी भी तरह का अधिकार दूसरे पक्ष को नहीं रहता। यह धोखे से किया हुआ विवाह होता है, जिससे कानूनी मान्यता नहीं होती है। किन्नर से हुए विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है। किन्नर के साथ हुए विवाह के मामलों में पहले भी शून्य किया गया है।