नई दिल्ली। चलती हुई ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या करने के मामले लगभग हर रोज सामने आते हैं परंतु उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में जो मामला सामने आया है वह अपने आप में अलग है। योगा का आधा धड़ पटरी पर पड़ा था और शेष बचा कमर के ऊपर का हिस्सा नजदीक की नहर में तैर रहा था। पुलिस पहुंची तब वह जिंदा था। ट्रेन से कटा आधा धड़ कह रहा था, मुझे बचा लो साहब।
रौजा थाना पुलिस डायरी के अनुसार घटना का विवरण
रौजा थाना क्षेत्र के हथोड़ा बुजुर्ग गांव निवासी हर्षवर्धन (21 साल) एक स्कूल में टैक्सी चलाता था। वह सोमवार को अपनी मां से कुछ पैसे लेकर घर से निकला। इसके बाद करीब 11 बजे वह हथोड़ा स्टेडियम के पीछे रेलवे लाइन पर पहुंचा। जहां वह दिल्ली से लखनऊ जा रही एक ट्रेन से कट गया। इसी बीच लखनऊ की ओर से आई मालगाड़ी के ड्राइवर ने दोनों लाइनों के बीच में कमर से नीचे का धड़ पड़ा देखा तो कंट्रोल रुम को सूचना दी। इस इंफॉर्मेशन के बाद जब पुलिस पहुंची तो देखा कि कमर के ऊपर का हिस्सा पास ही नहर के पानी में पड़ा था। हर्ष का आधा शरीर जिंदा था और वह कह रहा था कि हमें बचा लो साहब हमने आत्महत्या की है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।
हर्षवर्धन का शरीर कमर से दो हिस्सों में बट गया था। कमर के ऊपर का हिस्सा शायद ट्रेन में बस आगे तक घिसटता हुआ चला गया और नहर में गिर गया। पानी में गिरने के कारण उसके खून का बहाव रुक गया शायद इसीलिए वह जिंदा था। घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शरीर के दोनों हिस्सों को मेडिकल कॉलेज भिजवाया। जहां डाक्टरों ने इलाज शुरू किया लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए। रात्रि लगभग 12:00 बजे उसकी मृत्यु हो गई।
शरीर दो हिस्सों में कट जाने के बाद भी 13 घंटे तक जिंदा रहा
पुलिस ने हर्षवर्धन की कमर के नीचे का हिस्सा परिवार सौंप दिया। जहां उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया कमर के ऊपर के हिस्से का पोस्टमार्टम किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज की PRO पूजा त्रिपाठी पांडेय ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब 11 बजे एक युवक का एक्सीडेंट हुआ था। उसको मेडिकल कॉलेज लाया गया। जहां ज्यादातर डाक्टर उसके इलाज में जुट गए थे, लेकिन युवक के कमर से नीचे का हिस्सा अलग हो चुका था। यही कारण है कि, उसके शरीर से खून का रिसाव कुछ ज्यादा हो गया था। रात करीब 12 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।