हुंकार-फुंकार नहीं चमत्कार दिखाइये, शिवराज जी ! - Pratidin

NEWS ROOM
कुरते के भीतर से अपने भुजदंड बताने की चेष्टा करते मामा भावातिरेक में है,और प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री उनका मजाक बना रहे हैं | सही मायने में मध्यप्रदेश के चीर हरण के ये महारथी ही जिम्मेदार हैं| लगभग सभी के राज्य में नर्मदा जी के सीने को पोक्लैंड मशीन ने छलनी किया है| आज शिवराज जी जिस नौकरशाही के खिलाफ अपने भुजदंड चमका रहे है,वे कब कैसे और किन रास्तों से मलाईदार पदों पर पहुंचे किसी से छिपा नहीं है | हमाम में सब ,,,,,,! किसी के कुर्ते पर पीछे से दाग लगे हैं तो किसी की अलगनी पर सूखती चुनरी दागों से युक्त है |

भुजदंड चमकाने और दूसरे के दाग दिखने की जगह इन महारथियों को विचार करना चाहिए मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय अन्य राज्यों की तुलना में कम क्यों है ? क्यों प्रदेश में कुपोषण ज्यादा है? क्यों शिशु मृत्यु दर के आंकड़े डराते हैं ? क्यों प्राथमिक शिक्षा के आंकड़े हमारी हंसी उड़ाते हैं ? कारण सिर्फ साफ़ है जनादेश को किसी न किसी भांति अपने पक्ष में मोड़ कर प्रदेश के संसाधनों वैधानिक- अवैधानिक दोहन | इस पर तुर्रा हम सेवा कर रहे हैं| पाला बदलने की कीमत वसूलने और और देने वाले चेहरे भी साफ़ हो गये हैं |

जनादेश के साथ खिलवाड़ का तो मध्यप्रदेश साक्षी बन ही चुका है,जनादेश कैसे खरीदा बेचा गया इससे खुलकर आरोप लगाने वाले चेहरे भी किसी से छिपे नहीं है| दुख तो इसी बात का है ये एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले ये महारथी टिकट मिलने से सरकार बनाने बिगाड़ने के सारे खेल केवल समझते नहीं बल्कि बखूबी खेलते भी है और इसमें प्रदेश को विकास के नाम पर बनती-उधडती सड़के, आँख मिचौली खेलती बिजली,डायलिसिस पर शिशु स्वास्थ्य की देख रेख करते सरकारी अस्पताल और कभी इस राजनीतिक दल तो कभी उस राजनीतिक दल की तिजोरी को लबालब करते खनिज, परिवहन और आबकारी जैसे विभाग और उनमें पदस्थी के लिए लार टपकाते नौकरशाहों के नाम न तो इनसे छिपे और न उनसे | सारा खेल खुला है | फिर प्रदेश सेवा का नाटक क्यों ?

कोई इस सवाल का उत्तर देगा कि क्या जन सेवा सिर्फ सत्तारूढ़ पार्टी में ही रहकर की जा सकती है | जनसेवा करने के नाम पर कुर्सी हथियाने और सरकार बनाने बिगाड़ने तक कोई परहेज नहीं है २८ उपचुनाव उस पर खर्च करोड़ों रूपये, चुनाव जीतने के पहले मंत्री पद के आश्वासन, मंत्री बनने से पहले विशेष विभाग के लिए सौदेबाजी साफ दिखाई देता है | इसे जन सेवा के पीछे छिपाकर उस भावना को कलंकित न करें जिसमें प्रदेश लोग तीसरे विल्कप के अभाव में आपको चुनने को मजबूर है |

राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारियो में अब अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के नामों पर कालिख साफ दिख रही है| प्रदेश के भूतपूर्व, अभूतपूर्व और भावी कर्णधारों बताइये क्या आपके प्रसाद से ये लोग लाभान्वित नहीं हुए हैं ? क्या मध्यप्रदेश के चुनिदा पदों पर नियुक्ति में तेरा- मेरा या तेरी मेरी नहीं चलती | क्या यह समीकरण आप महारथियों को आज तक समझ में नहीं आया कि राजनीतिक दलों के कार्यालयों का भारी भरकम खर्च कहाँ से आता है ? क्यों बिभाग विशेष, विशेष गुट के विशेष मंत्री को दिया जाता है | जबकि उनका अनुभव उस विभाग के ककहरे को भी समझने में नाकाम होता है |

आप सब मिलकर जो खेल खेल रहे हैं वो अन्याय नहीं पाप है और उसकी सजा प्रदेश की भोली जनता भुगत रही है| विधानसभा सत्र के नाम पर नूराकुश्ती फिर होने जा रही है | सब कुछ ध्वनिमत से हो जायेगा | नक्कारखाने में तूती की आवाज़ फिर छिप जाएगी | आप दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी खदानों की चिंता में लग जायेंगे, बच्चे कुपोषण से मरते रहेंगे विकास की योजनाये कागज पर चलती रहेगी |

इस हुंकार, चमकार,भयादोहन, और सरकार बनाने बिगाड़ने के खेल से निकलिए प्रदेश के समग्र विकास शिक्षा, स्वास्थ्य, उसकी सकल घरेलू आय में वृद्धि पर चिन्तन मनन के लिए समय निकालिए | माफ़ कीजिये ! आप सबको जनता ने जिस काम के लिए चुना है आप वो नहीं कुछ और कर रहे हैं |
देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!