जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के छात्रावासों को खुलवाने विद्यार्थी धरने में बैठ गए है। इस संबंध में विद्यार्थियों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। विद्यार्थियों का कहना है कि अध्यापन कार्य करने बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को महंगी दर में किराए के मकान लेने पड़ रहे है जो मुमकिन नहीं है। छात्रों ने प्रशासन पर दवाब बनाने के लिए अनशन शुरू किया है।
छात्र नेता सोमदत्त यादव ने कहा कि छात्रावास बंद होने से पढ़ाई और रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को मुश्किल हो रही है। हालांकि प्रशासन का तर्क है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और सरकारी की तरफ से कोविड-19 की जारी गाइडलाइन में छात्रावासों को बंद रखने का निर्देश मिला हुआ है ऐसे में छात्रावासों को खोलना खतरनाक होगा। उनके अनुसार कक्षाएं आनलाइन भी लगाई जा रही है ताकि विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
संबंद्धता को लेकर सवाल: छात्रावासी छात्रों ने निजी कॉलेजों को संबंद्धता देने के मामले में भी सवाल उठाए है। उनका कहना है कि संबंद्धता से जुड़े मामले 30 मई तक पूर्ण करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है ऐसे में संबंद्धता की कार्यवाही समय सीमा के भीतर करनी थी लेकिन अभी तक कई कॉलेजों की संबंद्धता को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है जिस वजह से उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अव्हेलना हो रही है।
अनशन करने वाले विद्यार्थियों ने विधि विभाग के एलएलएम प्रथम वर्ष में एटीकेटी आने वाले विद्यार्थियों को तृतीय सेमेस्टर में बैठने की अनुमति देने की मांग की है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों ने परिसर के गेट क्रमांक तीन को भी विद्यार्थियों की सुविधा के लिए खोलने की मांग की है। प्रशासनिक स्तर पर विद्यार्थियों की मांगों को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। धरना देने वालों में सुरेंद्र कुशवाहा, विवेक सिंह गहरवार,विकास प्रजापति,मृत्युजंय तिवारी,दीपक तिवारी आदि मौजूद रहे।