नई दिल्ली। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने केरल में मिली चींटी की नई प्रजाति का नामकरण कर दिया है। चींटी की इस नई प्रजाति का नाम होगा उकेरिया जोशी। तो याद रखना और आज के बाद जब भी कोई उकेरिया जोशी की बात करें तो समझ जाना कि यह बात चींटी के लिए हो रही है किसी लड़की के लिए नहीं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से बताया गया कि भारत में दुर्लभ चीटी वंश की दो नई प्रजातियों की खोज की गई है। केरल और तमिलनाडु में पाई गई चीटी वंश उकेरिया की प्रजातियां इस दुलर्भ वंश की विविधता को बढ़ाती हैं। वे एंटेनल खंडों की संख्या के आधार पर समान वंश से विभिन्न हैं।
उनमें से एक केरल के पेरियार बाघ अभ्यारण में पाई गई जिसका नाम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायतशासी संस्थान जवाहर लाल नेहरू एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च सेंटर (जेएनसीएएसआर) के एक प्रख्यात विकासमूलक जीवविज्ञानी प्रोफेसर अमिताभ जोशी के सम्मान में उकेरिया जोशी रखा गया है।
भारत में चींटी की नई प्रजाति उकेरिया जोशी की खोज किसने की
दो नई प्रजातियों में, पहली इस दुर्लभ वंश के बीच दस-सखंडित एंटिना के साथ देखी गई थी और इनकी खोज पटियाला के पंजाबी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिमेन्दर भारती के नेतृत्व में एक टीम द्वारा की गई थी। इस खोज को जूकीज जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
इस वंश का वर्तमान में प्रतिनिधित्व 14 प्रजातियों द्वारा किया जाता है, जिनमें से आठ के पास नौ सखंडित एंटिना होते हैं जबकि पांच के पास 11 सखंडित एंटिना और हाल ही में एक प्रजाति आठ सखंडित एंटिना के साथ रिपोर्ट की गई है। भारत में अभी तक इस वंश का प्रतिनिधित्व क्रमश: नौ और ग्यारह सखंडित एंटिना के साथ दो प्रजातियों द्वारा की गई है।
दस सखंडित एंटिना के साथ हाल ही में खोज की गई चीटी प्रजातियां एक पुरानी वंशावली को स्थापित करती हैं जिनमें एक ऐसी प्रजाति है जो चीटी उपपरिवार के बीच एकमात्र मॉडल जीव के रूप में उभरती है।