जबलपुर। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने अज्ञात शिकायत को आधार बनाकर एक शिक्षक को 100 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में संलग्न कर दिया था। हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई को गलत मानते हुए असिस्टेंट कमिश्नर के आदेश को रद्द कर दिया है। याचिकाकर्ता शिक्षक ने दावा किया कि उसके खिलाफ मिथ्या शिकायत के आधार पर दंड स्वरूप उसे 100 किलोमीटर दूर संलग्न किया गया था।
श्री रमेश कुमार इनवाती, माध्यमिक शिक्षक जो कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बग हाई ब्लॉक धनौरा जिला सिवनी में पदस्थ है, को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, सिवनी द्वारा मिथ्या शिकायत के आधार पर, 100 किलोमीटर दूर शासकीय हाई स्कूल, मोहगांव यादव, ब्लॉक कुरई, जिला सिवनी, में संलग्न कर दिया गया था।
श्री रमेश कुमार इनवाती को उनके विरुद्ध शिकायत की कोई जानकारी नही थी, ना ही वे शिकायत के विषय उन्हें सुनवाई का अवसर दिया गया था। अचनाक मिथ्या शिकायतों के आधार पर संलग्नीकरण से पीड़ित होकर श्री इनवाती के द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली गई थी।
श्री इनवाती की ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री इनवाती विरुद्ध किन आधारों पर शिकायत की गई थी उन्हें कोई जानकारी नही थी ना ही, उन्हें शिकायत की प्रति दी गई थी। अचनाक दिनाँक 12/01/2021 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सिवनी, द्वारा उन्हें विकासखंड के बाहर 100 किलोमीटर दूर संलग्नीकरण कर दिया गया था। वस्तुतः वह एक प्रकार का स्थानांतरण ही है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा उच्च न्यायालय की एकलपीठ को बताया गया था, कि दंड स्वरूप ट्रांसफर नही किया जा सकता है, उन परिस्थितियों में जब शिक्षक को सुनवाई का कोई अवसर प्राप्त नही हुआ है। कर्मचारी की सेवा पर प्रभाव और स्टिग्मा लगाने वाले ट्रांसफर विधि विरुद्ध है।
शासकीय अधिवक्ता एवं अधिवक्ता श्री चतुर्वेदी को सुनने के बाद, हाई कोर्ट ने, संलग्नीकरण आदेश दिनांक 12/01/2021 एवम कार्यमुक्ति आदेश दिनाँक 14/1/2021 को निरस्त कर दिया है। इसके अतिरिक्त शिक्षक को सुनवाई के अवसर प्रदान किये जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। श्री रमेश कुमार इनवाती शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय बग हाई, ब्लॉक् धनौरा, जिला सिवनी में पदस्थ रहेंगे।