भोपाल। आज दिनांक 21.02.2021 को सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था की प्रांत स्तरीय "साधारण सभा" की बैठक हुई। बैठक में सभी प्रांतीय पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों से जिलों के अध्यक्ष समन्वयक, जिलों के प्रतिनिधि, मंत्रालय के प्रतिनिधि एवं भोपाल के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक मे सपाक्स संस्था के संरक्षक श्री राजीव शर्मा IAS (संचालक हटकरघा एवं हस्तशिल्प), श्री केएस तोमर अध्यक्ष , श्री अजय जैन संस्थापक, डॉ केएल साहू (सेवा निवृत संचालक स्वास्थ) अध्यक्ष सपाक्स समाज, श्री बीएम सोनी (संस्थापक), डीएस भदौरिया (उपाध्यक्ष) ,श्री आशीष भटनागर ,श्री राकेश नायक जी (दोनों लीगल सेल प्रभारी),राजीव खरे प्रांतीय सचिव सपाक्स,डा पी पी सिंह ,डा एस के श्रीवास्तव उपस्थित रहे ।
कोविड 19 के कारण जो स्थितियां उत्पन्न हुईं थीं उसके कारण एक लंबे समय तक संस्था सार्वजनिक रूप से किसी भी बड़े आयोजनों से दूर रही। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि एक लंबे संघर्ष के बावजूद हम अपने "पदोन्नति में आरक्षण" के अन्यायपूर्ण नियमों से अभी भी मुक्त नहीं हो सके हैं। मा सर्वोच्च न्यायालय में अभी भी केंद्र एवम् अन्य राज्यों के साथ साथ प्रदेश में लागू "पदोन्नति में आरक्षण" के असंवैधानिक नियमों पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। पुन: हाल ही में दि 18.01.21 को हुई सुनवाई में अलग अलग प्रदेशों से जुड़े अलग अलग मुद्दों के आधार पर मार्च 21 से प्रकरणों के निपटारे हेतु कार्यवाही करने के आदेश मा सर्वोच्च न्यायालय ने दिए हैं, अत: उम्मीद है अगले 2-3 माह में अंतिम निर्णय आ जाएगा।
आज सभी जिलो के पदाधिकारीयों द्वरा सर्व सम्मती से निर्णय लिया गया की संस्था आने वाले समय में अपनी मांगों के समर्थन में सर्वप्रथम संभाग स्तर तत्पश्चात राज्य स्तरीय विशाल अधिवेशन भोपाल में आयोजित करेगी, जिसमे समूचे प्रदेश से अधिकारी-कर्मचारीगण भाग लेंगे।
सभी प्रतिनधियों द्वारा एक मत से निर्णय लिया कि संस्था पदोन्नती मे आरक्षण को पूर्णत: समाप्त करने के मूल मुद्दे के साथ साथ निम्न मुद्दो पर कर्मचारियों के हित में कार्य करेगी :-
1. पदोन्नती मे आरक्षण पूर्णत समाप्त किए जाए ,
2. संस्था को तत्काल मान्यता प्रदान करने हेतु जाए ।
3. सभी कर्मचारीयों को 5 स्तरीय वेतनमान मिले इस हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
4. पुरानी पेंशन बहाली की जाए इस हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
5. कर्मचारीयों के रोके गए इंक्रीमेंट एवं डी ए की बहाली इस हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
6. एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के विरोध हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
7. बैक लॉग की सही गणना की जाए एवं सामान्य वर्ग लगभग 3 लाख रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारम्भ हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
8. सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग मे से वंचित एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो के अनुसूचित जाती / जनजाती के अनुसार समस्त शासकीय सुविधाएं दिलवाने हेतु संघर्ष करना ।
9. सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग के वंचित एवं आर्थिक रूप से पिछड़े युवा वर्ग को समानता के आधार पर अनुसूचित जाती / जनजाति के अनुसार समस्त शासकीय सुविधाएं दिलवाने हेतु संघर्ष करना ।
पदोन्नती मे आरक्षण के मुद्दे पर सरकार लगातार कभी नए नियम बनाने की कवायद करती है कभी प्रभार देने के लिए न्यायपूर्ण नवीन प्रक्रिया निश्चित करने की बात करती है लेकिन यह बेहद दुखद है कि कोई भी न्यायपूर्ण और तर्कसंगत निर्णय सरकार आज तक न कर सकी। निर्णय अनुसार जिन्हें पदावनत किया जाना चाहिए था। यहां तक कि मा. उच्च न्यायालय के निर्णय के पूर्व की गई डी पी सी को वर्षों बाद रिव्यू कर वर्ग विशेष के कर्मियों को पदोन्नत किया जाता रहा।
जबकि वर्षों से पदोन्नति की सामान्य प्रक्रिया बाधित रहने से हजारों कर्मी बावजूद सेवानिवृत्ति अवधि में बढ़ोतरी के बिना पदोन्नति का लाभ पाए सेवानिवृत हो गए। उपस्थित प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से श्री आर बी राय, श्री पी सी जैन को याद किया, जिन्होंने न सिर्फ पदोन्नति में आरक्षण के संघर्ष को न्यायालय में लड़ा बल्कि जीत हासिल की लेकिन स्वयं किसी भी प्रकार का लाभ पाए बगैर सेवानिवृत्त हो गए। संस्था इनकी अत्यंत आभारी है, जिन्होंने अन्याय के विरुद्ध संघर्ष के लिए न सिर्फ अलख जगाई बल्कि इस वर्ग के कर्मियों को भी प्रेरित किया वरन् वे इस संस्था की नीव में महत्वपूर्ण पत्थर है।
मा प्रधानमंत्री जी एवम् प्रदेश के मुखिया देश/ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में दिन रात लगे हैं लेकिन जिन कर्मियों के साथ इसे आगे बढ़ना है वे ही प्रताड़ित हैं और घुटन महसूस कर रहे हैं ।
सरकार की एक वर्ग विशेष के प्रति इतनी हमदर्दी है कि बाकी सभी वर्गों के हितों को नजरंदाज कर उनके साथ लगातार अन्याय कर रही है। यहां तक कि इतने बड़े शासकीय वर्ग का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद लगातार अनुरोध और विनय के बावजूद संस्था को सरकार मान्यता से भी वंचित रखे हुए है जबकि एक वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था को सभी नियमों को ताक पर रख सरकार ने न सिर्फ मान्यता दी बल्कि उसके दबाव में तमाम नियम भूलकर सरकार हर सही गलत कार्य करने को तत्पर रहती है।
बैठक के अंत में जिलों से आए सभी पदाधिकारिओं ने सर्वसम्मति से सपाक्स वर्ग के विरुद्ध शासन द्वारा हर स्तर पर हो रहे दमन का और अधिक सशक्त और प्रभावी विरोध करने के विषय मे सर्वसम्मती से निर्णय लेकर सभा समाप्त की गई । (बैठक का प्रतिवेदन राजीव खरे, प्रांतीय सचिव सपाक्स द्वारा भेजा गया।)