भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अफसरों (एमपी बोर्ड के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया और शिक्षा विभाग की पीएस रश्मि अरुण शमी) के टकराव के कारण 19 लाख के स्टूडेंट्स परेशान हो रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया ने 10वीं हाई स्कूल एवं 12वीं हाई सेकेंडरी स्कूल का पूरा परीक्षा पैटर्न बदल दिया था, स्टूडेंट्स ने तैयारी शुरू कर दी थी कि तभी शिक्षा विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेट्री रश्मि अरुण शमी ने जुलानिया के सारे इनोवेशन कैंसिल करवा दिए। दो बड़े अफसरों की लड़ाई में 19 लाख स्टूडेंट्स का माइंड सेट टूट रहा है।
एमपी बोर्ड द्वारा ब्लूप्रिंट अपलोड करने के बाद सभी फैसले रद्द हो गए
स्कूल शिक्षा विभाग ने मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दसवीं-बारहवीं की दो परीक्षाएं कराने, नए पैटर्न वाले प्रश्न-पत्र, ऑनलाइन प्रश्न पत्र भेजने समेत अन्य बदले गए सभी नियमों को वीटो पावर का यूज़ करते हुए निरस्त कर दिया है। इससे पहले माशिम ने बदले हुए परीक्षा पैटर्न पर ब्लूप्रिंट भी अपलोड कर दिया था।
19 लाख स्टूडेंट्स कंफ्यूज, क्या पढ़ना है- कैसे पढ़ें पता नहीं
ज्ञात हो कि 30 अप्रैल से दसवीं और 1 मई से बारहवीं की परीक्षा शुरू होने वाली हैं। इसमें प्रदेश से करीब 19 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। एमपी बोर्ड द्वारा जब नया पैटर्न लागू किया गया था तो उसे समझने में काफी वक्त लगा था और अब जब जुलानिया सर के पैटर्न पर प्रैक्टिस शुरू कर दी तो अचानक सब कुछ कैंसिल हो गया। मध्यप्रदेश में शिक्षा के विद्वान अपने अपने तरीके से समीक्षा कर रहे हैं। ब्यूरोक्रेट्स का भी अपना ओपिनियन है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि परीक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चों को देनी है। उन्हें कुछ समझ में नहीं आता। वह तो परीक्षा पैटर्न के बेस पर अपना माइंड सेट बनाते हैं।
सीएम सर कंफर्म करो, इसके बाद तो कोई चेंज नहीं होगा
लड़ाई मध्यप्रदेश के दो पावरफुल आईएएस अफसरों के बीच में है। शिक्षा मंत्री भी इंवॉल्व हो चुके हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से क्लियर स्टेटमेंट आ गया है लेकिन एमपी बोर्ड के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया ने कोई बयान नहीं दिया है। स्टूडेंट्स और टीचर्स की परेशानी भी यही है। कहीं ऐसा ना हो कि जुलानिया सर कोई नया स्टेप उठाएं और फिर से कोई नया ऑर्डर जारी हो जाए। इसलिए जरूरी हो गया है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान इस मामले में ऑफिशल स्टेटमेंट जारी करें। 19 लाख स्टूडेंट्स का सिर्फ एक सवाल है। एमपी बोर्ड द्वारा आयोजित हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल का पैटर्न क्या होगा।