ग्वालियर। मध्यप्रदेश में सिर्फ डीजल के दाम नहीं बढ़ रहे बल्कि डीजल के दाम बढ़ने के कारण चारों तरफ महंगाई बढ़ती जा रही है। प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को खुश करने के लिए परिवहन विभाग ने 1 मार्च 2021 से बस किराए में 25% की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेज दिया है। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था कि इस मामले में अंतिम फैसला सीएम शिवराज सिंह चौहान लेंगे।
हड़ताल की सिर्फ एक धमकी से किराए की नई दर तय हो गई
मध्यप्रदेश में ज्यादातर प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार द्वारा घोषित अधिकतम किराए को न्यूनतम मानते हुए अपना किराया तय करते हैं। खटारा बस को वोल्वो के नाम पर सरकार द्वारा निर्धारित किराए पर 25% और अधिक ले लिया जाता है। हड़ताल पर अमादा हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने किराया बढ़ाने के पीछे डीजल, टायर सहित बसों के अन्य कलपुर्जों भी महंगे होने का हवाला दिया था। इन परिस्थितियों को देखते हुए परिवहन के किराया बोर्ड ने भी बैठक की थी। इसमें 25% किराया बढ़ाने की सिफारिश कर दी गई। फिलहाल मध्यप्रदेश में ₹1 प्रति किलोमीटर किराया निर्धारित है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद 1 रुपए 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया वसूला जाएगा। 100 किलोमीटर की यात्रा पर ₹25 अतिरिक्त देने पड़ेंगे।
बस ऑपरेटर्स तो पहले से ही ज्यादा किराया वसूल रहे हैं
लाकडाउन खत्म होने के बाद सितंबर 2020 में बसें दौड़ने लगी थीं, लेकिन कोविड के डर के चलते बसों में यात्रियों की संख्या कम रही। ऐसे में आपरेटर निर्धारित किराये से ज्यादा पैसा यात्रियों से ले रहे हैं। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित किए जा रहे परिवहन कार्यालयों की ओर से बस ऑपरेटर्स के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जिन राज्यों में किराया ज्यादा उनका ध्यान करके अपना प्रस्ताव बना दिया
परिवहन विभाग ने किराए की नई दरें प्रस्तावित करने से पहले पड़ोसी राज्यों के किराये का अध्ययन किया। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ की बसों के किराये का अध्ययन किया। यहां की किराये की दरों के आधार पर मध्य प्रदेश की सामान्य बसों का किराया प्रस्तावित किया है। विभाग का मानना है कि पड़ोसी राज्यों की संस्कृति प्रदेश से मिलती है। इन्हीं राज्यों से लोगों का आना-जाना अधिक रहता है।
मुकेश जैन, आयुक्त परिवहन विभाग ने कहा: अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चलेगा
बस किराया बढ़ाने को लेकर शासन स्तर पर चर्चा हुई है। अभी नई दरें लागू करने की तारीख तय नहीं है। किराया कितना बढ़ाया जा रहा है, यह गोपनीय है। अधिसूचना जारी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।