भोपाल। पेट्रोल शतकीय पारी खेल कर घरेलू गैस साढ़े आठ सौ रुपयें पार तांडव नृत्य कर रहा है। मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति के प्रांतीय अध्यक्ष उदित सिंह भदौरिया, प्रांतीय संयोजक प्रमोद तिवारी, प्रांतीय महामंत्री कन्हैयालाल लक्षकार, हरीश बोयत जगमोहन गुप्ता व यशवंत जोशी ने अपनी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मध्यम वर्ग व नोकरीपेशा का झुलसाती महंगाई की आग में जीना मुहाल हो गया है।
सरकार ने कर्मचारियों के वेतन भत्ते नहीं बढ़ाए, लेकिन महंगाई बढ़ा दी
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्यसामग्री, मालभाड़ा, परिवहन सहित चौतरफा महंगाई ने तांडव मचा रखा है। कर्मचारी जगत को महंगाई से सामना करने व वेतन स्तर व क्रय शक्ति बनाये रखने के लिए डीए डीआर की मूल्यसूचकांक आधारित प्रति छः माही गणना पद्धति विद्यमान है। कोरोना के चलते इसे स्थगित करने से केंद्र में कर्मचारियों/पेंशनरों को 17 व राज्य में 12 फीसदी डीए डीआर पर रोक रखा है। वर्तमान में यह नियमित भुगतान की स्थिति में 28 फीसदी होना चाहिए था। इसी प्रकार 3 फीसदी वार्षिक वेतनवृद्धि भी स्थगित है।
शिवराज सिंह सरकार के बजट पर सबकी नजर है
कुल मिलाकर कम वेतन व बेशुमार महंगाई से क्रय शक्ति का ह्रास होने से जीवन दूभर हो रहा है। इसके लिए विगत 15 व 22 फरवरी को प्रांतव्यापी प्रदर्शन कर माननीय मुख्यमंत्री महोदय मप्र शासन भोपाल को ज्ञापन सौंप कर ध्यानाकर्षण किया गया था। सरकार से अपेक्षा है कि रोके गये डीए डीआर, देय एरियर सहित समस्त स्वत्वों के भुगतान का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। सभी का घरेलू बजट गड़बड़ाया हुआ है। ऐसे में प्रदेश सरकार के 02 मार्च को बजट से क्या निकल कर आता है; इस पर सबकी निगाह टिकी हुई है!