नई दिल्ली। लेबर ऑफिस ने जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक के SICPI के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इससे सेंट्रल कर्मचारी के DA में 4% इजाफा होना तय है। सिटिजन्स ब्रदरहुड के अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी के अनुसार जून 2021 तक डीए बढ़कर 30 से 32% हो जाएगा। इससे केंद्रीय कर्मचारी के महंगाई भत्ते में 15% का फायदा होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के DA का निर्धारण कैसे होता है
वर्तमान में कर्मचारियों का 17% DA है, जो 2019 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने बढ़ोतरी को जून 2021 तक रोक दिया था। केंद्र सरकार समय-समय पर महंगाई भत्ते पर रिवाइज करती है। इसका कैलकुलेशन बेसिक पे को आधार मानकर प्रतिशत में होता है। अभी कर्मचारी और पेंशनरों का डीए अलग-अलग है। महंगाई भत्ता पूरा टैक्सेबल होता है। वहीं हाउस रेंट अलाउंट भी कर्मचारी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। डीए का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के प्रतिशत के आधार पर होता है।
सातवां वेतनमान: साल में दो बार महंगाई भत्ते का निर्धारण किया जाता है
भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई को ध्यान में रखते हुए उनके खर्चों को सहन करने में मदद करने के लिए दिया जाता है। यह वर्ष में दो बार घोषित किया जाता है, पहली किस्त जनवरी से जून तक और दूसरी जुलाई से दिसंबर तक दिया जाता है। जिसमें एचआरए के साथ जोड़ा जाता है। हालांकि कोविड-19 के कारण महंगाई भत्ता फिलहाल नहीं मिल रहा है।
4800000 कर्मचारी और 6500000 पेंशनर्स को फायदा होगा
केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) में 4% की वृद्धि की है, जबकि महंगाई राहत (डीआर) को बहाल करने का भी फैसला किया है। सरकार की ताजा घोषणा से केंद्र सरकार के 48 लाख श्रमिकों और 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधे लाभ होगा। डीए में बढ़ोतरी और डीआर की बहाली जनवरी में होगी।