Digvijaya Singh kisan mahapanchayat
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने अपने नए प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। 2018 से पहले तक राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कांग्रेस नेता हुआ करते थे परंतु कमलनाथ के आने के बाद दिग्विजय सिंह नंबर दो की स्थिति पर आ गए। शायद इसीलिए दिग्विजय सिंह ने अपने लिए राजनीति का नया क्षेत्र चुन लिया है।
दिग्विजय सिंह की किसान महापंचायत की तारीख एवं मुहूर्त
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दिनांक 4 मार्च 2021, यशोदा जयंती, दिन बृहस्पतिवार, तिथि षष्ठी, संवत 2077, अभिजीत मुहूर्त में मध्य प्रदेश के पश्चिम में राजस्थान की सीमा पर स्थित रतलाम से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। पुण्य सलिला नर्मदा यात्रा की तरह दिग्विजय सिंह ने किसान महापंचायत को भी गैर राजनीतिक कार्यक्रम घोषित किया है। श्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस सिलसिले में उनकी कमलनाथ से बात हो गई है। यह एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है जिसमें सभी किसानों को आमंत्रित किया गया है।
कांग्रेस छोड़कर किसानों की राजनीति क्यों कर रहे हैं दिग्विजय सिंह
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए दिग्विजय सिंह ने अपनी आयु और क्षमताओं के बाहर जाते हुए कड़ा परिश्रम किया था। सभी जानते हैं कि वह मध्य प्रदेश में अपनी पसंद का मुख्यमंत्री मिटाना चाहते थे परंतु अचानक कमलनाथ एक्टिव हो गए और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन बैठे। सत्ता परिवर्तन के बाद उम्मीद थी कि कमलनाथ दिल्ली वापस चले जाएंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ उल्टा कमलनाथ ने कांग्रेस संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया।
मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह से बड़ा गुट किसी का भी नहीं था लेकिन टिकट वितरण और संगठन के दूसरे कई फैसलों में कमलनाथ ने कई बार प्रमाणित कर दिया कि दिग्विजय सिंह की सलाह और पॉलिसी, संगठन के निर्णय को प्रभावित नहीं करती। सरल शब्दों में कहें तो मध्यप्रदेश में इन दिनों कमलनाथ कांग्रेस पावर में है और इसके खत्म होने की संभावना नहीं है। पिछले दिनों नाथूराम गोडसे को भगवान की तरह पूछने वाले बाबूलाल चौरसिया का कमलनाथ द्वारा कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया गया। निश्चित रूप से या दिग्विजय सिंह की कांग्रेस मूल वाली विचारधारा के खिलाफ था। उन्होंने अरुण यादव की तरह बयान तो नहीं दिया लेकिन एक नया डिसीजन ले लिया।
किसान राजनीति मुनाफे का धंधा है
मध्यप्रदेश में किसानों की स्थिति ठीक हो ना हो लेकिन किसानों की राजनीति करने वाले नेताओं की स्थिति हमेशा ठीक हो जाती है। किसानों की राजनीति करने वाले नेता ना केवल उच्च पदों पर पहुंचते हैं बल्कि उन्हें वह सब कुछ प्राप्त होता है जो राजनीति में चाहिए। सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले जैत गांव का एक लड़का शिवराज सिंह चौहान किसान राजनीति की बदौलत आज मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री है।