भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नूतन कॉलेज में छात्राओं से लेकर प्रोफेसर, प्राचार्य सभी सुबह 10 बजे कॉलेज पहुंच गए। कॉलेज की एनसीसी की 50 छात्राएं भी पहुंची थीं। उन्हें प्राचार्य ने दोपहर 12 बजे से कॉलेज परिसर में मंत्री के स्वागत के लिए खड़ा कर दिया। था।
मंत्री को कॉलेज के कार्यक्रम में तीन बजे पहुंचना था, लेकिन वे साढ़े तीन बजे पहुंचे। इसके चलते छात्राएं भूखी-प्यासी साढ़े तीन घंटे तक मुख्य अतिथियों के इंतजार में धूप में खड़ी रहीं। इस दौरान उन्हें न तो पानी मिला और न ही खाने के लिए कुछ दिया गया। मंगलवार को कॉलेज के नए भवन, कैंटीन और स्वशासी प्रकोष्ठ के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में यह नजारा देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन भी नहीं किया गया,
जबकि कार्यक्रम से एक दिन पहले सोमवार को आयोजन समिति के तीन सदस्यों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इसके बावजूद कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन एवं मत्स्य पालन विभाग मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित कॉलेज की प्राचार्य डॉ. प्रतिभा सिंह सहित कई प्रोफेसर बिना मास्क के नजर आए। इस दौरान सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया गया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कॉलेज में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
एनसीसी का पाठ्यक्रम बनाएं और स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के रूप में प्रारंभ करें। वहीं मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि संस्कृति की रक्षा हमारी मातृशक्ति करती है, बेटियां हमारे मप्र की ऊर्जा हैं और वे हमारे प्रदेश को आगे ले जाएंगी। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया नहीं पहुंचें। बता दें कि सोमवार को आयोजन समिति वर्ल्ड बैंक की दो प्रोफेसर और एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इसके बावजूद कार्यक्रम में काफी अच्छी खासी भीड़ नजर आई। रूसा के सहयोग से कॉलेज में भवन का निर्माण किया जाएगा।
भूमिपूजन के बाद दोनों मंत्री डॉ. मोहन यादव और तुलसीराम सिलावट ने कैंटीन का अवलोकन किया और खाने की टेबल पर बैठकर बातचीत भी किया। इस दौरान मंत्री ने दिव्यांग छात्राओं के प्लेसमेंट होने पर उन्हें सम्मानित किया गया। ये छात्राएं बैंक में पीओ सहित अन्य पद पर नियुक्त हुई हैं।
वर्जन
NCC की छात्राओं को मंत्री के स्वागत के लिए ढाई बजे से लाइनअप होने का आदेश दिया था। छात्राएं 12 बजे से ही तैयारी कर रही थी। इस कारण उन्हें अधिक देर तक खड़ा होना पड़ा होगा।
डॉ. प्रतिभा सिंह, प्राचार्य नूतन कॉलेज