भोपाल। राजधानी भोपाल में शादी के बाद पत्नी को विदेश में पढ़ाने का वादा करना पति को मंहगा पड़ गया। पति ने पत्नी को आगे की पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कराया था, लेकिन पत्नी टेस्ट में नहीं निकल पाई।
इसके बाद पत्नी जिद पर अड़ गई कि उसे भले ही स्कॉलरशिप न मिले, लेकिन वह उसी यूनिवर्सिटी में बिना स्कॉलरशिप के पढ़ना चाहती है। इस पर पति ने मना कर दिया। इससे नाराज पत्नी ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी। हालांकि पति उसे समझता रहा कि वह नीदरलैंड, जर्मनी या अन्य जगह की स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर दे, लेकिन पत्नी जिद पर अड़ी रही। मामला जज आरएन चंद के यहां विचाराधीन है। काउंसलिंग शैल अवस्थी कर रही हैं।
अरेरा हिल्स इलाके में रहने वाले दंपती की शादी को ढाई साल हुए हैं। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने बताया कि वह बैंक में नौकरी करती है। शादी के पहले ही उसने बता दिया था कि वह ऑस्ट्रेलिया में अपनी पसंदीदा यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहती है। पति ने हामी भी भरी थी, लेकिन बाद में वह उस पर नीदरलैंड या जर्मनी की किसी विवि को चुनने का दबाव बनाने लगे, जबकि उसका सपना ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने का था। उसने कहा कि वह ऐसे जीवनसाथी के साथ नहीं रहना चाहती, जो उसके सपनों के आड़े आए।
पति ने कहा कि मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन वह नाराज होकर मायके में बैठी है। बिना बताए तलाक की अर्जी लगा दी। मैंने अपनी हैसियत के मुताबिक दूसरे देश में पढ़ने के ऑप्शन दिए, लेकिन पत्नी को वह सही नहीं लगे। मैं तलाक नहीं देना चाहता। पत्नी फिर से टेस्ट दे और पढ़ाई करें, उसे कोई आपत्ति नहीं है।
मामले में समझौता हो जाएगा। इसे देखते हुए जज ने दंपती की काउंसलिंग करने के आदेश दिए हैं। पहली काउंसलिंग में उनके बीच के गिले-शिकवे काफी हद तक दूर हुए हैं। पत्नी को एहसास हुआ है कि पति को उसकी फिक्र है। अगली काउंसलिंग के लिए उन्हें बुलाया है -शैल अवस्थी, काउंसलर, फैमिली कोर्ट